
राजसमंद (Rajsamand) ये भी बीत जाएगा ‘ की व्याख्या करते हुए साध्वी सुहृदय दीदी ने कहा कि कुछ भी स्थाई नहीं है न सुख न दुख, न अच्छा समय न बुरा समय। क्षण भंगूर संसार में सब कुछ बीत जाने वाला है। हर समय साक्षी भाव में रहे। मन को वश में करने के लिए साधु संग और सत्संग का सहारा लेना चाहिए क्योंकि समय किसी के लिए नहीं रुकता।
श्रीराम कथा के पंचम दिवस की शुरुआत
कहीं राम लिख दिया है
कहीं श्याम लिख दिया है
सांसों के हर सिरे पर
तेरा नाम लिख दिया है।
जैसे भजन से करते हुए साध्वी सुहृदय दीदी ने कहा कि राम नाम में बहुत शक्ति होती है, जिसके मन में राम बसा है उसकी बुद्धि को ज्ञान की देवी सरस्वती भी नहीं बदल सकती।
श्री राम कथा के पंचम दिवस पर वन गमन और राम भरत मिलन की भाव पूर्ण व्याख्या करते हुए श्रोताओं को विरह और प्रेम रस के अश्रुओं से सराबोर कर दिया। विधना तेरे लेख किसी की समझ न आते है, जन जन के प्रिय राम लखन सिया वन को जाते है जैसे विरह गीत पर पूरा पांडाल सिसक उठा।
कथा के दौरान मीठालाल शर्मा, गिरीश अग्रवाल, ओम अग्रवाल, सुशीला साहू, पार्वती साहू, राजकुमारी अग्रवाल, मनोहर तेली, जगदीश बापड़ोत, लटूर राम बलाई, रमेश हरलालका, डॉ विशाल लावटी, मधुसूदन व्यास, महेंद्र कोठारी, कैलाश वैष्णव, कमल किशोर व्यास, प्रवीण नंदवाना, राजेश सांगानेरिया, चंदन सिंह आसोलिया, मधुप्रकाश लड्ढा, गिरिराज मुद्गल, राकेश गौड़, नाथु लाल तंबोली, धर्मेंद्र टेलर सहित सैकड़ों श्रोताओं ने व्यास पीठ कि पूजा अर्चना कर साध्वी से आशीर्वाद लिया। श्रीराम कथा का भक्ति गंगा 9 चैनल पर 110 देशों में लाइव प्रसारण किया जा रहा है।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत
