
राजसमंद (Rajsamand) जीवन को जान गए तो दुख में भी सुख दिखाई देगा। सुख और दुख दोनो ही जीवन के अभिन्न अंग है। सुख दुख में समान रूप से जीना आ जाए तो पूरा जीवन ही उत्सव बन जाएगा। इस संसार में जो कुछ भी दिखाई देता है वो सबकुछ अस्थाई है, स्थाई है तो एक मात्र ईश्वर का नाम । श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस पर साध्वी सुहृदय गिरि ने कहा कि हमें अपने धर्म के प्रति निष्ठावान रहना चाहिए ताकि समाज को सही दिशा मिल सके।
साध्वी सुहृदय ने कथा के दौरान भगवान राम के विवाह उत्सव प्रसंग का सुंदर उल्लेख किया । कथा के प्रारंभ में व्यास पीठ का पूजन कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़, भाजपा नेता और समाज सेवी कर्णवीर सिंह राठौड़, नेता प्रतिपक्ष हिम्मत कुमावत ने किया।
इसी दौरान व्यास पीठ से साध्वी सुहृदय गिरि ने सभी का इकलाई ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया। कथा के दौरान दिनेश स्वर्णकार, गिरिराज लावटी, सुरेश स्वर्णकार, दिनेश श्रोत्रिय, गिरीश अग्रवाल, हर्षवर्धन भाटी, लटूर राम, मोहन बापड़ोत, कृष्णा लड्ढा, चंदा देवपुरा अनुराधा लड्ढा, पुष्पा साहू , छनू प्रसाद नंदवाना, शांता देवी लड्ढा, पार्वती साहू ने व्यास पीठ की आरती पूजन कर चतुर्थ दिवस की कथा को विश्राम दिया।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत
