अतिप्राचीन भांडवपुर महातीर्थ में तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठोत्सव का आयोजन पुण्य सम्राट जयन्तसेन सूरीश्वर के पट्टधरद्वय गच्छाधिपति नित्यसेन सूरीश्वर एवं भांडवपुर तीर्थोद्धारक आचार्य जयरत्न सूरीश्वर आदि विशाल श्रमण-श्रमणिवृन्द की शुभ निश्रा में विविध धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन हो रहे है। प्रतिष्ठोत्सव के निमित रविवार को चंद्रलोक जैन तीर्थ से भव्य वरघोड़ा निकाला गया।
वरघोड़े में हाथी, घोड़े, सुसज्जित बग्घियों में वीरप्रभु, दादा गुरुदेव, योगिराज, पुण्य सम्राट के चित्र लेकर बैठे लाभार्थी आदि आकर्षण के केन्द्र रहे। वही बैण्ड की मधुर धुनो एवं ढोल की थाप पर गुरुभक्तों ने नृत्य किया। तीर्थ की ओर से सम्पूर्ण वरघोड़े में नगरवासियों को प्रसाद वितरण किया गया। जैन युवा मंच सायला ने पूर्ण निष्ठा, लगन और समर्पण के साथ वरघोड़े का सुसंचालन किया।
प्रतिष्ठोत्सव में शुभ मुहूर्त्त में गच्छाधिपति नित्यसेन सूरी एवं आचार्य जयरत्नसूरी महाराज द्वारा सुप्रसिद्ध विधिकारक सत्यविजय हरण के मन्त्रोच्चार के साथ सभी प्रतिमाओं का अंजन विधान हुआ। प्रतिष्ठित होने वाली प्रतिमाओं का शुभ मुहूर्त्त में नवाणु अभिषेक कर उनका 52 जिनालय, आगम मन्दिर, शाश्वत चैत्य, गुरु मन्दिर, समाधि मन्दिर में प्रतिमाओं का प्रवेश करवाया गया।
क्षत्रियकुण्ड नगरी में प्रतिष्ठा निमित्त मंगल गीत (गीत सांझी) एवं मेहन्दी वितरण का आयोजन हुआ। महिला परिषद् की विभिन्न शाखाओं ने नृत्य, गीत के साथ प्रतियोगिताओं द्वारा कार्यक्रम में सुन्दर बनाया। दोपहर में श्री गौतमलब्धि महापूजन संगीत की मधुर स्वर लहरियों के साथ क्रिया मण्डप में पढ़ाई गई।
प्रतिष्ठोत्सव में महिदपुर के विधायक दिनेश जैन, रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी, पूर्व जनअभाव अभियोग निराकरण समिति अध्यक्ष पुखराज पारासर ने शिरकत की। सायं परिषद परिवार की ओर से तीर्थ परिसर में बिन्दोली निकाली गई।
आज के आयोजन
प्रतिष्ठोत्सव के पन्द्रहवें दिन सोमवार को तीर्थ परिसर में प्रतिष्ठा निमित्त शुभ मुहूर्त्त में प्रभु एवं गुरु प्रतिष्ठा के साथ शिखर पर ध्वजा, दंड, कलश स्थापन विधिविधान के साथ लाभार्थी परिवारों द्वारा होगा। प्रतिष्ठा के अन्तिम दिन शाही करबा एवं फले चुन्दड़ी का आयोजन किया जाएगा। दोपहर में श्री शान्तिस्नात्र महापूजन संगीतकार द्वारा विविध धुनों के साथ पढ़ाई जायेगी।