
पाली (Pali) मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत कार्यरत पैकर्स व हैल्पर कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार से राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन कार्य का बहिष्कार शुरू कर दिया है। इसके चलते पाली जिला औषधि भंडार गृह से होने वाले दवा वितरण कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को समय पर दवाइयां मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना पैकर्स-हैल्पर कर्मचारी संघ जयपुर के आह्वान पर यह कार्य बहिष्कार किया जा रहा है। संघ पदाधिकारियों ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना शुरू की थी, जिसके तहत जिला औषधि भंडार गृहों में पैकर्स और हेल्परों की सेवाएं अनुबंध के आधार पर ली जा रही हैं। वर्तमान में इन कर्मचारियों को मात्र 6700/- रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है, जो बढ़ती महंगाई के दौर में परिवार के भरण-पोषण के लिए अपर्याप्त है। कर्मचारियों का कहना है कि वर्षों से नियमित रूप से सेवाएं देने के बावजूद उन्हें न तो स्थायी किया जा रहा है और न ही मानदेय में मंहगाई के हिसाब बढ़ोतरी की जा रही है । संघ ने सरकार के समक्ष राज्य सरकार द्वारा घोषित कंपनी में समायोजन, मानदेय वृद्धि तथा ठेका प्रथा समाप्त कर राजस्थान संविदा नियम 2022 के तहत शामिल करने जैसी प्रमुख मांगें रखी हैं। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी होने तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।निशुल्क दवा योजना के पैकर्स-हेल्पर्स का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू हो गया है। जिला औषधि भंडार पाली पर लगे हुए हेल्पर पैकर्स बाबूलाल नवल, सागर चौहान, मनोज मौर्य, हनुमान चौहान, महिपाल सिंह, भरतवीर सिंह, सागर कंडारा, प्रतिभा सभी जब तक सरकार मांगे नहीं मांगेगी तब तक अनिश्चित कार्य बहिष्कार पर रहेंगे ।
रिपोर्ट – घेवरचन्द आर्य
