
राजसमंद (Rajsamand) रामानुज वाटिका में आयोजित श्री राम कथा के प्रथम दिवस साध्वी सुहृदय गिरि ने कहा कि राम कथा मनोरंजन नहीं, मनोभंजन का साधन है। में सिर्फ कथा ही नहीं, व्यथा भी सुनाने आई हूं। व्यथा इस देश की है इस सृष्टि की है। हमें स्वच्छता को भी अपनाना होगा, गौ माता को पालना होगा। हर उस कार्य को आचरण में लाना होगा जो देश समाज का भला कर सके। साध्वी ने कहा कि पंच तत्वों को संरक्षित करेंगे तो हम स्वयं स्वस्थ रहेंगे। संसार में रहे तो सुंदर कार्य करें और संसार से विदा ले तो खुशी खुशी विदा लें। व्यक्ति अपने कर्मों से नर से नारायण और नर से निकृष्ट भी बन सकता है। हमें परमानंद बनना है या विषया नंद यह हम पर ही निर्भर करता है। सिर्फ पूजा पाठ करना ही भक्ति नहीं, गौ माता को पालना, वृक्ष को संरक्षित करना भी भक्ति के ही रूप है। कथा के प्रारंभ में व्यास पीठ का पूजन राजसमंद सांसद महिमा कुमारी मेवाड़, गिरीश अग्रवाल, रजनी लोधा, गोपाल कृष्ण पालीवाल, चतुर्भुज गट्टाणी, ने किया। इसी दौरान व्यास पीठ से साध्वी सुहृदय गिरि ,ने सांसद महिमा कुमारी, को इकलाई ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया। व्यास पीठ का चंदन सिंह, गिरिराज मुद्गल, मधुप्रकाश लड्ढा, पुष्पा साहू, शिवलाल खींची, जयेश शर्मा, लिलेश खत्री, प्रहलाद वैष्णव, अयन जोशी, राकेश गौड़, नवनीत लड्ढा, सविता सनाढ्य, पूर्व चेयरमैन दिनेश पालीवाल, ने माल्यार्पण कर स्वागत किया।
भव्य कलश यात्रा से कथा का आगाज
श्री राम कथा के पूर्व प्रातः 11.30 बजे विश्वंभर महादेव मंदिर पुरानी कलेक्ट्री से सैकड़ों की संख्या में साध्वी सुहृदय गिरि और स्वामी सत्य श्रवा के सानिध्य में मातृशक्ति ने जयघोष के साथ कलश को शिरोधार्य कर यात्रा का प्रारंभ किया। वहीं श्रीराम चरित मानस की पोथी को गिरीश अग्रवाल ने सिर पर धारण की। कलश यात्रा आवरी माता मंदिर होते हुए रामानुज वाटिका में पहुंच विश्राम लिया। श्री द्वारकाधीश मंदिर के सुमधुर धुनें बिखेरता बैंड देखते ही बनता था। यात्रा के दौरान धर्म ध्वज की पताकाएं लहराती रही। कथा श्रवण के दौरान गिरिजा शंकर पालीवाल, बी एल अजमेरा, अर्जुन लाल लड्ढा, अनुराधा लड्ढा, संजय सनाढ्य सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत
