राजस्थान की रहने वाली 25 वर्षीय MBBS डॉ. भावना यादव (Dr. Bhavna Yadav) की मौत ने देशभर में सनसनी फैला दी है। दिल्ली से लापता हुई भावना को हरियाणा के हिसार में गंभीर रूप से घायल और जली हुई अवस्था में पाया गया था। उन्हें सवाई मानसिंह अस्पताल, जयपुर में भर्ती कराया गया, जहां 24 अप्रैल की रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
दिल्ली में परीक्षा के बाद अचानक संपर्क टूटा
भावना यादव हाल ही में फिलीपींस से एमबीबीएस कर लौटी थीं और भारत में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए ज़रूरी FMGE (Foreign Medical Graduate Examination) की तैयारी कर रही थीं। 21 और 22 अप्रैल को वह दिल्ली में परीक्षा देने गई थीं और वहां अपनी बहन के साथ रुकी थीं। 23 अप्रैल को भावना ने अपनी मां को बताया कि वह अगली सुबह घर लौटेंगी, लेकिन इसके बाद उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया।
हिसार में घायल मिलीं, कॉल करने वाला शख्स लापता
कुछ देर बाद मां को एक अज्ञात शख्स उदेश यादव का फोन आया, जिसने बताया कि भावना घायल अवस्था में हिसार के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। जब परिवार अस्पताल पहुँचा तो उन्हें बताया गया कि भावना को गंभीर हालत में लाया गया था, पर अस्पताल प्रशासन ने न तो स्थिति स्पष्ट की और न ही पुलिस को समय पर सूचना दी।
भावना की मां गायत्री देवी का आरोप है कि उनकी बेटी के पेट में चाकुओं से वार किए गए थे और फिर उसकी निचली कमर से घुटनों तक की त्वचा जला दी गई, ताकि यौन उत्पीड़न के सबूत मिटाए जा सकें। उनका कहना है कि भावना के बाल, पीठ और पैर सुरक्षित थे, जो संकेत करता है कि जलाने की कोशिश जानबूझकर की गई।
पुलिस और अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल
परिवार का आरोप है कि पुलिस को बार-बार कॉल करने के बावजूद डेढ़ घंटे तक कोई नहीं पहुंचा। जब वे खुद थाने पहुंचे तो ड्यूटी पर मौजूद महिला अधिकारी ने उन्हें कथित तौर पर असंवेदनशील रवैये से टाल दिया। वहीं, हिसार के सोनी अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने भी परिजनों से सही जानकारी साझा नहीं की। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भावना को उसी रात जयपुर लाया गया, जहां SMS अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
इस पूरे मामले में कई अहम बिंदु सामने आए हैं। सबसे पहले, उदेश, वह व्यक्ति जिसने भावना को अस्पताल में भर्ती कराया था, अब लापता है, जिससे शक और भी गहरा हो गया है। भावना का मोबाइल फोन, लैपटॉप और iPad अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं, जबकि ये उपकरण मामले की जांच के लिए बेहद जरूरी साक्ष्य हो सकते हैं। निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए जयपुर में ज़ीरो एफआईआर दर्ज की गई और एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया ताकि पोस्टमार्टम प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जा सके। हालांकि, अब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। भावना का परिवार स्पष्ट रूप से मानता है कि इस जघन्य हमले के पीछे मुख्य आरोपी उदेश ही है, जिसने उनकी बेटी के साथ विश्वासघात किया और उसे मौत के घाट उतार दिया।
न्याय की मांग तेज
परिवार और आमजन इस मामले की निष्पक्ष और तेज़ जांच की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #JusticeForBhavna ट्रेंड कर रहा है। लोग इस केस की CBI जांच और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
भावना केवल एक छात्रा नहीं थीं, बल्कि एक भावी डॉक्टर थीं, जिनके सपनों, मेहनत और भविष्य को बेरहमी से छीन लिया गया। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है।