
राजसमंद (Rajsamand) ज़िले सहित समूचे मेवाड़ क्षेत्र में संगमरमर खनन उद्योग लगातार गहरे संकट का सामना कर रहा है। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में मार्बल पर रॉयल्टी दरों में की गई भारी वृद्धि ने इस उद्योग को लगभग ठप कर दिया है। उत्पादन लगातार गिर रहा है, हज़ारों खदान मजदूर रोजगार से वंचित हो रहे हैं और उद्योगपति खदानें बंद करने पर विवश हो रहे हैं।
नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने इस विषय पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि सरकार खनन उद्योग की स्थिति को गंभीरता से समझे और तत्काल रॉयल्टी दरों को यथावत रखने अथवा कम करने की दिशा में कदम उठाए विधायक ने कहा कि खनन केवल उद्योगपतियों का सवाल नहीं है, बल्कि यह हज़ारों परिवारों के रोज़गार, क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और सामाजिक संतुलन से जुड़ा हुआ विषय है। रॉयल्टी में अनुचित बढ़ोतरी से यह उद्योग प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाएगा और वैकल्पिक उत्पादों की ओर रुझान बढ़ेगा, जो हमारे स्थानीय उद्योग और मज़दूरों के लिए विनाशकारी होगा।”
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नई तकनीक और खनन उप-उत्पादों के प्रयोग से पर्यावरणीय और रोज़गार दोनों दृष्टियों से नई संभावनाएँ विकसित की जा सकती हैं, परंतु इसके लिए सरकार को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना होगा। विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने राज्य सरकार से माँग की है कि मार्बल रॉयल्टी दरों में की गई वृद्धि पर पुनर्विचार किया जाए। खदान मज़दूरों की आजीविका सुरक्षित करने के लिए तात्कालिक समाधान निकाला जाए। खनन उद्योग के दीर्घकालिक विकास हेतु नीतिगत सुधार किए जाएँ। उन्होंने आश्वस्त किया कि क्षेत्र की जनता और उद्योग जगत की आवाज़ को वे लगातार मजबूती से उठाते रहेंगे।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत