जैसलमेर के सरहदी इलाकों में आया लेपर्ड पाकिस्तान चला गया है। भारेवाला से लगती भारत-पाक सरहद पर तारबंदी के पास उसके पगमार्क देखे गए, जो तारबंदी से पार पाकिस्तान जाते नजर आ रहे हैं। वन विभाग का मानना है कि ये लेपर्ड वही है जो करीब चार साल पहले भी तारबंदी पार कर जैसलमेर के शाहगढ़ इलाके में आया था। तब भी वन विभाग ने पिंजरा लगाया था, मगर वह पाकिस्तान लौट गया था।
वन विभाग के डीएफओ पंकज गुप्ता का मानना है कि ये वही लेपर्ड हो सकता है जो चार साल पहले भी आया था। हो सकता है ये पाकिस्तान के इलाके में ही भटक रहा हो और यहां पशुपालकों के पशु उसे आहार में मिल जाते होंगे, इसलिए वो सरवाइव कर रहा है। पंकज गुप्ता ने बताया कि बुधवार रात तक लेपर्ड के पंजों के निशान का पीछा करने पर वो तारबंदी से पार जाते नजर आ रहे हैं।
ऐसे में वन विभाग की टीम का मानना है कि वो पाकिस्तान की तरफ चला गया है। मगर वन विभाग की टीम उसके दुबारा लौट आने के इंतजार में पिंजरा लेकर बैठी है ताकि अगर वो एक या दो दिन में दुबारा लौटे तो पकड़ा जाए।
पशुपालक पर भी किया हमला
बकरी के पास जंगली जानवर के पैरों के निशान देखे तो उसकी तलाश करने लगे। उनके अनुसार करीब दो किलोमीटर दूरी तय करने के बाद धोरों व झाड़ियों में छिपे लेपर्ड को देखा, जिसने इस्माइल खान पर हमला कर चोटिल कर दिया। चिल्लाने पर वह भाग गया। इस्माइल खान का भारेवाला गांव के हॉस्पिटल में इलाज करवाया गया। उसने इसकी सूचना वन विभाग व पुलिस को दी।
तारबंदी के पार नजर आए पंजों के निशान
पंकज गुप्ता ने बताया कि जोधपुर से वन विभाग की टीम के साथ पिंजरा भी मंगवाया गया है। हालांकि लेपर्ड के आखरी बार पगमार्क भारत-पाकिस्तान सरहद की तारबंदी के पास देखे गए हैं। इससे ये साफ हो गया है कि लेपर्ड पाकिस्तान से ही आया और वहीं लौट गया है।
वन विभाग कि टीम वहीं है और नजर बनाए हुए है। बताया जा रहा है कि ये वही लेपर्ड है जो चार साल पहले शाहगढ़ एरिया में दिखा था और वो भी तारबंदी के पार चला गया था। हालांकि पशुपालकों ने लेपर्ड के बॉर्डर पार चले जाने से राहत की सांस ली है।
बकरी का किया था शिकार
नहरी क्षेत्र के चक 6 डीकेडब्लूएम ढाकलवाला निवासी इस्माइल खान पुत्र गुल मोहम्मद रविवार की रात अपनी ढाणी में सो रहा था। उसी रात करीब दो बजे ढाणी के बाहर बैठी बकरी पर लेपर्ड ने हमला किया और करीब दो किलोमीटर दूर घसीटकर ले जाकर शिकार बनाया।
सोमवार सुबह जब घर के आगे बकरी नहीं मिली तो इस्माइल खान ने पड़ोसियों से इधर-उधर पूछताछ की। इसके बाद इस्माइल खान, अब्दुला खान, जमशेर खान व आरिफ खाव बकरी की तलाश करने निकले और एक किलोमीटर घूमने के बाद उन्हें बकरी मृत हालत में मिली।