जैसलमेर (Jaisalmer) जिले को एनीमिया मुक्त बनाने की दिशा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोमवार 1 दिसंबर से एक विशेष अभियान ‘पिंक पखवाड़ा’ की शुरुआत की गई है, जो आगामी 15 दिसंबर 2025 तक चलेगा। पिंक पखवाड़ा अभियान का मुख्य उद्देश्य गंभीर एनीमिया से ग्रसित गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को दूर कर उन्हें एनीमिया मुक्त कर स्वस्थ बनाना है। सीएमएचओ डॉ. राजेंद्र कुमार पालीवाल ने बताया कि अभियान विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए जीवनदान साबित होगा जो गंभीर एनीमिया से जूझ रही हैं। क्योंकि विभाग पीसीटीएस एवं अन्य स्तर से गंभीर एनीमिक महिलाओं को चिन्हित कर पखवाड़े के दौरान एफसीएम (फेरिक कार्बोक्सि माल्टोज) इंजेक्शन लगाया जाएगा। इसके लिए जिलास्तर से सभी चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निखिल शर्मा ने बताया कि जिन गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर बहुत कम है तथा उन्हें आयरन की गोलियों पर्याप्त मात्रा में लेने के बावजूद हीमोग्लोबिन स्तर में वृद्धि नहीं हो रही उन्हें चिकित्सकीय परामर्श के बाद एफसीएम इंजेक्शन लगाए जाएंगे। यह सुरक्षित है और इससे शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर तेजी से बढ़ता है। जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन जांच प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस प्रत्येक माह की 9, 18 व 27 तारीख को की जा रही है। इसके साथ ही उन्हें आयरन के प्राकृतिक स्त्रोतों एवं खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूक किया जाएगा। उन्हें दवा के साथ-साथ खान-पान में आयरन युक्त आहार हरी सब्जियां, गुड़, चना आदि शामिल करने के लिए जागरूक किया जाएगा। डॉ शर्मा ने बताया कि आशा सहयोगिनियां और एएनएम पीएमएसएमए के दौरान हाई-रिस्क वाली महिलाओं को चिन्हित कर अस्पताल पहुंचाएंगी। सीएमएचओ डॉ पालीवाल ने जिलेवासियों से अपील की है कि वे एनीमिया (खून की कमी) को हल्के में न लें। चक्कर आना, थकान महसूस होना या सांस फूलना जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच करवाएं और इस अभियान का लाभ उठाएं।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा
