Jaisalmer : भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि

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जैसलमेर (Jaisalmer) देश के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर देश उन्हें श्रद्धा, सम्मान और कृतज्ञता के साथ स्मरण कर रहा है। आज इस जयंती के अवसर पर भाजपा जिला कार्यालय में ” अटल स्मृति सम्मेलन” का आयोजन किया जिसमें जिला संगठन प्रभारी श्रवण सिंह राव, जिला अध्यक्ष दलपत हिंगड़ा, विधायक छोटू सिंह भाटी, प्रदेश कार्य समिति सदस्य विक्रम सिंह नाचना, निवर्तमान जिलाध्यक्ष चंद्र प्रकाश सारदा, पूर्व जिलाध्यक्ष स्वरूप सिंह हमीरा मंचासीन थे। सभी वक्ताओं ने अपने अपने उध्बोधन में कहा किअटल जी केवल एक महान राजनेता ही नहीं, बल्कि एक प्रखर वक्ता, संवेदनशील कवि, दूरदर्शी नेता और राष्ट्रनिर्माता थे।विधायक छोटू सिंह भाटी ने कहा कि 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर (मध्यप्रदेश) में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्रसेवा को समर्पित किया। वे तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे और उनके नेतृत्व में देश ने राजनीतिक स्थिरता, राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के नए आयाम देखे।जिला संगठन प्रभारी राव ने कहा कि अटल जी का राजनीतिक जीवन सिद्धांतों, शुचिता और संवाद की राजनीति का आदर्श उदाहरण रहा। वे विपक्ष में रहते हुए भी सत्ता पक्ष के लिए सम्मान का भाव रखते थे और संसद को लोकतंत्र का मंदिर मानते थे। उनके भाषणों में ओज, विचार और राष्ट्रप्रेम का अद्भुत संगम दिखाई देता था। राव ने वाजपेयी के साथ स्मरण सुनाते हुवे कहा कि जब पश्चिमी राजस्थान में 2001 में भयंकर अकाल पड़ा तब वाजपेयी जी ने पथमेड़ा गो शाला के निवेदन पर तुरंत 1 करोड़ की सहायता उपलब्ध करवा कर गो रक्षा मे बहुत बड़ा योगदान दिया। कार्यक्रम का संचालन जिला संयोजक एवं उपाध्यक्ष सुशील कुमार व्यास ने इससे पूर्व परिचय में बताया कि उनकी मुख्य उपलब्धियां पोखरण परमाणु परीक्षण कर भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनाया,“सड़क, संचार और स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना” के माध्यम से आधारभूत ढांचे को नई गति दी।“सर्व शिक्षा अभियान” और “प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना” जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं की मजबूत नींव रखी।जिलाध्यक्ष दलपत हिंगड़ा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीति सत्ता की नहीं, सेवा की राजनीति थी। वे विचारधारा में दृढ़, लेकिन व्यवहार में उदार थे। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर आज भी देश के युवा, कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि राष्ट्र निर्माण के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं।उनकी 100वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्र उन्हें शत-शत नमन करता है और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लेता है।मीडिया प्रभारी बाबू लाल शर्मा ने बताया कि आज की संगोष्ठी में भंवर सिंह साधना, सुशील व्यास , मनोहर सिंह दामोदरा, सुरेश सुथार, आकाश ओझा, नरेंद्र व्यास, छुग सिंह सोढा, सुनीता भाटी, मूला राम चौधरी, गिरिल भाटिया, जगन्नाथ सिंह सांखला, भूरा राम ओड, अरुण पुरोहित, जितेंद्र भूतड़ा, जुगल बोहरा, संजय आचार्य,ओम सेवक, वीरेंद्र सिंह हमीरा, सुरेन्द्र सिंह भाटी,उगाराम दरबारी, शिकन्दर अली गाड़ीवान, भवानी सिंह, अजय राहड़, लून सिंह राजपुरोहित,नवल चौहान, पदाधिकारी ,कार्यकर्ता उपस्थित थे।

रिपोर्ट – कपिल डांगरा

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