Jaisalmer: ओरण भूमि एवं परंपरागत जल स्रोतों के संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन गंभीर

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जैसलमेर (Jaisalmer) जिला कलक्टर प्रताप सिंह के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जैसलमेर जिला प्रशासन द्वारा ओरण, देववन, गोचर, आगोर, तालाब, नाड़ी एवं अन्य परंपरागत जल स्रोतों की भूमि के संरक्षण तथा उन्हें राजस्व अभिलेखों में दर्ज (इन्द्राज) कराने के लिए निरंतर व प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप जिले में अब तक हजारों बीघा ओरण भूमि के प्रस्ताव तैयार कर जिला कलक्टर की अनुशंसा सहित राज्य सरकार को प्रेषित किए जा चुके हैं। यह पहल जैसलमेर जिले में प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा एवं पारंपरिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो रही है। जिला कलक्टर के निर्देशानुसार, उपखंड स्तर पर गठित टीमें निरंतर सर्वे एवं मौके निरीक्षण का कार्य कर रही हैं। इसी क्रम में तहसीलदार जैसलमेर राजेंद्र करण द्वारा मोकला ग्राम में स्थित ओरण भूमि का मौके पर निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर नायब तहसीलदार चांधन देदा राम, पटवारी प्रेम कुमार एवं अनूप यादव सहित अन्य उपस्थित रहे। जिला प्रशासन के ये ठोस एवं दूरदर्शी प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता संवर्धन एवं भू-संपदा सुरक्षा की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हो रहे हैं, बल्कि इससे स्थानीय समुदाय में ओरण भूमि एवं पारंपरिक जल स्रोतों के प्रति जागरूकता, आस्था एवं संरक्षण की भावना भी सुदृढ़ रूप से विकसित हो रही है।

रिपोर्ट – कपिल डांगरा

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