
जैसलमेर (Jaisalmer) जिला कलेक्टर प्रतापसिँह की पहल एवं निर्देश से आने वाले समय में जैसलमेर का स्वरूप पूरी तरह से बदल जाएगा। इसके लिए नगरविकास न्यास ने पूरी तैयारी कर ली है। यूआईटी द्वारा जोधपुर रोड पर रेवंतसिंह की ढाणी के पास शहर में प्रवेश व बाहर जाने के लिए निकास द्वार बनाए जा रहे है। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नगरविकास न्यास द्वारा करीब 30.91 करोड़ रुपए की लागत से जैसलमेर पत्थर से शहर के प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। जिससे वहां आने वाले सैलानियों को आगामी समय में इतिहास के साथ कलात्मकता भी साथ देखने को मिलेगी। वर्तमान में जोधपुर की तरफ से आने वाले यात्रियों को संतसिंह की ढाणी के बाद सीधा किला दिखाई देता है। लेकिन अब दिखाई देने वाले किले से पहले उन्हें जैसलमेरी पत्थर से बने गेट में प्रवेश करना होगा। आने-जाने दोनों के लिए अलग-अलग गेट बनाए जाएंगे। इसके लिए यूआईटी ने टेंडर निकाल दिए है। वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद ठेकेदार को 15 महीने में काम पूरा करना होगा। ऐसे में संभावना है कि अगले साल तक तो काम चलेगा। जोधपुर से आने वाले सैलानियों के स्वागत के लिए यूआईटी द्वारा प्रवेश द्वार बनाए जा रहे है। ताकि यहां भ्रमण पर आने वाले सैलानियों का भव्य रूप से स्वागत किया जाए। यहां आने वाले सैलानियों को ऐतिहासिक व कलात्मक पर्यटन स्थलों के साथ नए बदलाव कर उन्हें भब्य रूप देने का काम किया जा रहा है। नगर परिषद, नगरविकास न्यास व प्रशासन द्वारा जैसलमेर के रूप को बदलने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जैसलमेर के चौराहों का कायाकल्प शुरू हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा 140 करोड़ रुपए की लागत से रेलवे स्टेशन तैयार करवाया जा चुका है। अब यूआईटी द्वारा शहर के प्रवेश द्वार बनाने के लिए भी तैयारी कर ली गई है। जिससे आने वाले समय में भ्रमण पर आने वाले सैलानियों को जैसलमेर का एक अलग रूप देखने को मिलेगा। नगर विकास न्यास द्वारा ना सिर्फ प्रवेश द्वार बल्कि रेवंतसिंह को ढाणी तक जोधपुर रोड व शहीद जयसिंह चौराहा तक बाड़मेर रोड को भी चौड़ा किया जाएगा। इसके लिए भी तैयारी हो चुकी है। ऐसे में अब सड़क मार्ग से जैसलमेर आने वाले सैलानियों को पहले की तुलना में ज्यादा आराम मिल पाएगा।
रिपोर्ट- कपिल डांगरा
