जैसलमेर। शहर की गांधी कॉलोनी में स्थित आदर्श विद्या मंदिर के सभागार में इतिहास संकलन समिति जैसलमेर की जिला स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि तिलोकचंद खत्री ने कहा कि इतिहास लेखन बहुत ही जिम्मेदारी का कार्य है।
हमें ऐतिहासिक प्रमाणों व संदर्भो के आधार पर वस्तुनिष्ठ इतिहास लेखन करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय इतिहास की कालगणना विश्व के लिए आश्चर्य और आदर्श है, उसी के अनुरूप इतिहास लेखन होना चाहिए। मुख्य वक्ता केसरसिंह राठौड़ ने कहा कि राष्ट्रीय दृष्टिकोण से इतिहास का पुनर्लेखन होना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषंगिक संगठन के रूप में इतिहास को संजोने का कार्य समिति द्वारा किया जा रहा है, हम सभी इनके सहयोगी बनें।
उन्होंने कहा कि इतिहास किसी भी जीवंत राष्ट्र के लिए थाती है, उसके भविष्य के लिए अनिवार्य तत्त्व है। मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत आगाज किया गया। अध्यक्ष तनेसिंह सोढा ने भूमिका प्रस्तुत की। सचिव रतनसिंह ने स्थानीय इतिहास लेखन पर प्रकाश डाला। परिचय कार्यक्रम के बाद उपस्थित सभी सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए।
पार्थ जगानी ने शिलालेख संरक्षण पर अपनी वार्ता प्रस्तुत की जिले में स्थित बोनीकी भाषा में लिखित सभी शिलालेखों के समीप हिंदी भाषा में शिलालेख का निर्माण करवा कर लगवाने की आवश्यकता है जिससे युवा हिंदी शिलालेख को पढ कर अपना ज्ञान वर्धन कर सके । बैठक में मुकेश जोशी, नवीनसिंह, तनेरावसिंह, उम्मेदसिंह, डॉ जालमसिंह, तेजपालसिंह, दिलीप माली, हरीश छंगाणी, आभा आदि ने भाग लिया। 27 जून को समिति के पदाधिकारी बीकानेर में होने जा रही प्रांतीय बैठक में भाग लेंगे।
रिपोर्ट:कपिल डांगरा,जैसलमेर