प्राचार्य का APO आदेश निरस्त करने की मांग पर छात्रों और ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन

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जसवंतपुरा। उपखंड मुख्यालय पर स्थित पीएम राजकीय विद्यालय के प्राचार्य विक्रम सिंह चारण के APO (अनुपस्थित पदस्थापन आदेश) को निरस्त करने की मांग को लेकर बुधवार को विद्यार्थियों और ग्रामीणों ने उग्र विरोध प्रदर्शन किया। सुबह 8 बजे से शुरू हुआ यह धरना देर शाम तक जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने स्कूल के दोनों मुख्य द्वारों पर ताला जड़ दिया और विरोधस्वरूप नारेबाजी शुरू कर दी। ग्रामीण और अभिभावक भी नर्मदेश्वर महादेव मठ के सामने धरने पर बैठ गए।

सूचना मिलने पर थाना प्रभारी गुमानसिंह भाटी सहित पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा, लेकिन विद्यार्थी अपनी मांगों पर अड़े रहे। वे लगातार शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। स्थिति बिगड़ती देख सीबीईओ त्रिकमाराम देवासी और स्कूल प्रशासन मौके पर पहुंचा और समझाइश का प्रयास किया, लेकिन विद्यार्थियों और ग्रामीणों ने किसी भी प्रकार की वार्ता को तब तक अस्वीकार कर दिया, जब तक कि प्राचार्य का एपीओ आदेश निरस्त नहीं कर दिया जाता।

अधिकारियों के समझाने पर भी नहीं माने विद्यार्थी, बोले परीक्षा का करेंगे बहिष्कार

गुरुवार से राजस्थान शिक्षा बोर्ड, अजमेर द्वारा आयोजित 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा शुरू हो रही है, लेकिन जसवंतपुरा में परीक्षा को लेकर संकट के बादल मंडराते रहे। प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती, वे सामूहिक रूप से परीक्षा का बहिष्कार करेंगे।

उच्च शिक्षा अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद भी विद्यार्थी अपनी मांगों पर अड़े रहे। करीब चार बजे जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) भैराराम कलबी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी गंगा कलावंत, रानीवाड़ा पुलिस उपधीक्षक भवानी सिंह इंदा, उपखंड अधिकारी रामलाल मीणा, तहसीलदार नीरज कुमारी, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी मोहनलाल परिहार, सीबीईओ त्रिकमाराम देवासी, स्कूल प्रशासन मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल प्रभाव से एपीओ आदेश को निरस्त करने की मांग की।

धरने के दौरान बिगड़ी छात्राओं की तबीयत

लगातार घंटों तक धूप में बैठे रहने और पानी नहीं पीने के कारण धरने पर बैठी चार छात्राएं अचेत हो गईं। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने तुरंत 108 एंबुलेंस बुलाई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया।

व्यापारियों ने दिया समर्थन

व्यापार मंडल ने भी विद्यार्थियों और ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन दिया। स्थानीय व्यापारी भी धरने में शामिल हुए और प्रशासन से मांग की कि विद्यार्थियों की समस्या का जल्द समाधान किया जाए ताकि वे परीक्षा में शामिल हो सकें।

अधिकारियों के लिए चुनौती बना प्रदर्शन, समाधान के प्रयास जारी

धरने के कारण जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए यह स्थिति गंभीर चुनौती बन गई है। बोर्ड परीक्षा को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए प्रशासन प्रयासरत है, लेकिन विद्यार्थियों की मांग और परीक्षा बहिष्कार की चेतावनी से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच देर शाम तक वार्ता का दौर जारी रहा, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका था। अब देखना यह होगा कि विभाग द्वारा इस विवाद को कैसे हल करता है और क्या विद्यार्थी अपनी परीक्षा में शामिल होंगे या नहीं।

रिपोर्ट – महेन्द्र प्रजापत

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