
बाड़मेर। जैसे ही रजोहरण मुमुक्षुओं के हाथ में आए तो मुमुक्षु ऐसे झुम उठे मानों उन्हे जहां की वो खुशी मिल गई जिसके लिए उन्होंने जन्म लिया हो। वही दुसरी और मुमुक्षुओं के परिजनों का रो.रो कर बुरा हाल हो रहा था। खुशी और गमगीन माहौल के बीच 05 मुमुक्षुओं की दीक्षा सम्पन्न हुई और नए जीवन का प्रारम्भ हुआ। इससे पहले प्रातः शुभ मुर्हत में मुनिसुव्रत स्वामी एवं अन्य देवी.देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई।
प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव समिति के तत्वावधान में केयुप भवन प्रांगण में श्री जिन मन्दिर व दादावाड़ी के अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा व दीक्षा के पंचान्हिका महोत्सव के पांचवे दिन रविवार को खरतरगच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वर मण्साण् आदि ठाणा की पावन निश्रा व बहिन मण्साण् साध्वी डॉण् विधुत्प्रभाश्री मण्साण् और साध्वी कल्पलताश्री मण्साण्ए साध्वी श्रुतदर्शनाश्री मण्साण्ए साध्वी मयुरप्रभाश्री मण्साण् आदि ठाणा के पावन सानिध्य में रहा। गादीनसीन हुए मुनिसुव्रत स्वामी.प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव समिति के संयोजक जगदीशचन्द भंसाली व मुख्य लाभार्थी बाबुलाल छाजेड़ ने बताया कि रविवार को प्रातः शुभ मुहुर्त में माणेक स्तंभ आरोपण करए जवांई द्वारा तोरण का विधान किया गया।
तत्पश्चात प्रतिष्ठा का महाविधान का शुभारम्भ हुआ जिसमें मंत्रोचार के साथ ओम पुण्याहाम पुण्याहाम के साथ परमात्मा मुनिसुव्रत स्वामी भगवान गादी पर आसीन हुए और इसके साथ दादा गुरूदेवए कांतिसागरजी मण्साण्ए नाकोड़ा भैरवदेवए पदमावती माता की प्रतिमा का प्रतिष्ठित किया गया। इसके बाद सब मन्दिरों की लाभार्थी परिवारों द्वारा ध्वजा चढाई गईए जिसमें मूलनायक भगवान मुनिसुव्रत स्वामी व दादा गुरूदेव की अमर ध्वजा मन्दिर निर्माण के लाभार्थी जीवणमलए नेमीचन्द़ परिवार बाड़मेर हाल मुम्बईए गुरूदेव कांतिसागर की ध्वजा टीपूदेवी भूरमल बोथरा परिवार बाड़मेरए नाकोड़ा भैरव देव की ध्वजा जगदीशचन्द पवनकुमार भंसाली परिवार बाड़मेरए पदमावती माता की ध्वजा शांतादेवी मुल्तानमल नेतमल नाहटा परिवार गांधीधाम द्वारा चढाई गई।
नए नाम से नए जीवन का नया सवेरा. प्रातः 10 बजे प्रारम्भ हुआ दीक्षा का सांय 05 बजे तक चला। 05 घण्टों हजारों की भीड़ एक स्थान पर बैठकर आयोजन को निहारती नजर आई। आचार्यश्री जिनमणिप्रभसूरीश्वर मण्साण् ने जैसे ही दीक्षा की अनुमति के साथ रजोहरण दिया तो पांचो दीक्षार्थी खुशी से झुम उठे मानो उसे संसार का सबसे बडा सुख प्राप्त हो गया हो। कल तक जो स्वर्ण आभूषण और मंहगे वस्त्रों के साथ नजर आ रहे थे वो अब पांचों दीक्षार्थी श्वेत वस्त्र धारण किए नए नाम के साथ अपने स्वयं जीवन का शुभारंभ किया।
आचार्य ने बोला नव युग में नव संस्कारों का उदय. खरतरगच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वर मण्साण् ने कहा कि ये हमारें धर्म के संस्कार है कि आज का दिन बाड़मेर के इतिहास में दर्ज हुआ है। 21वीं सदी के आधुनिक युग में नव संस्कारों का उदय है आज का दिन हजारों युवा इस बात से प्रेरणा ले सकते है कि ठान लिया जाए तो हर राह आसान है। युवा गृहस्थ रहकर भी सयमित जीवन जीए और जीवन में जीयो और जीने दो को अपना लक्ष्य बनाए। ये होंगे नए नाम. सहसंयोजक सम्पतराज धारीवाल एवं केयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश लुणिया ने बताया अक्षय मालूए मुनि मेरूप्रभसागर मण्साण्ए भावना संखलेचाए साध्वी ध्यानरूचिश्री मण्साण्ए आरती बोथराए साध्वी अपूर्णरूचिश्री मण्साण्ए निशा बोथराए साध्वी अनन्यरूचिश्री मण्साण् व साक्षी सिंघवी ए साध्वी आप्तरूचिश्री मण्साण् नए नामकरण आचार्यश्री द्वारा किया गया।मुनि मेरूप्रभसागर मण्साण् ने खरतरगच्छाधिपति मणिप्रभसूरीश्वर मण्साण्ए साध्वी ध्यानरूचिश्री मण्साण्ए साध्वी अपूर्णरूचिश्री मण्साण्ए साध्वी अनन्यरूचिश्री मण्साण् व साध्वी आप्तरूचिश्री मण्साण् ने बहिन मण्साण् साध्वी डॉण् विधुत्प्रभाश्री मण्साण् का शिष्यत्व स्वीकार किया। आज ये हुऐ आयोजन. सोमवार को प्रातः लाभार्थी छाजेड़ परिवार द्वारा प्रातः 06 बजे गच्छाधिपति कि निश्रा में मंत्रोचार के बाद प्रतिष्ठा के बाद प्रथम द्वार उद्घाटन होगा। उसके पश्चात 09 बजे धर्मसभा का आयोजन हुआ जिसमें लाभार्थी परिवारों व कार्यक्रम में सहयोग करने वालो का बहुमान किया । कपिल मालू ने बताया कि दीक्षा के पश्चात बाड़मेर शहर में नवदीक्षित साधु.साध्वी प्रथम बार गोचरी के लिए जाएगें।
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल