बागोड़ा। कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रविवार को एक मरीज को इलाज मुहैया नहीं होने व एक भी कार्मिक ड्यूटी पर नहीं मिलने से हताश होकर अपनी व्यथा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर आपबीती बतानी पड़ी है। उपखंड मुख्यालय पर भले ही पूर्ववर्ती राज्य सरकार व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्राथमिक से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में क्रमोन्नत कर मरीजों को विभिन्न बिमारियों का बेहतर इलाज और निशुल्क दवाइयां मिलने के लिए चिकित्सालय को प्राथमिक से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में क्रमोन्नत किया है लेकिन जब बड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी में भी उपचार नहीं मिले तो मरीज को निजी क्लीनिक की शरण लेना मझबुरी सी होना लाजमी है और ऐसा ही सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की पड़ताल करने पर सामने आया है। पीड़ित व्यक्ति ने एक भी कार्मिक ड्यूटी पर नहीं मिलने व इलाज से महरुम होने का वीडियो में आरोप लगाया है। लिहाजा बाद में निजी क्लीनिक पर जाकर रेबीज का इंजेक्शन व मरहम पट्टी कराने में आर्थिक स्थिति डांवाडोल के बावजूद करीब दो हजार रुपए चुकाने पड़े।
वायरल वीडियो के अलावा जब संवाददाता ने पीड़ित भालनी निवासी बाबुलाल पुत्र हटाराम जाति गर्ग से वायरल वीडियो की पुष्टि करते जानकारी ली तो बताया कि मुझे पागल कुत्ते ने काट लिया था और पिंडी पर काटने से खुन निकल आया तो इलाज के लिए मेरे पास रुपए नहीं थें इसलिए निजी हास्पिटल नहीं जाकर सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बागोड़ा पहुचा ताकि मरीजों को सरकारी योजना में निःशुल्क इलाज व दवाईयां दी जाती है मेरे साथ मेरे गांव का एक व्यक्ति ओर था। लेकिन वहां डाक्टर था नही और नहीं कोई कर्मचारी। तब एक क्वार्टर पर जाकर आवाज दी तो महिला ने संतोषजनक जवाब नही देकर कहा कि आज छुट्टी होने से यहां कोई नहीं है सोमवार को आना। ऐसे में जब सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी समय पर ही कार्मिक लापरवाही बरतने लगें तो सरकार की योजना कितनी फलीफूत हो पाएंगी सोचनीय है।पीड़ित बाबूलाल गर्ग ने बताया कि वो बीपीएल चयनित है और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत मुख्यमंत्री आयुष्मान कार्ड भी बना हुआ है। बता दे कि ये पूरा मामला सांचौर जिले के बागोड़ा है।
वायरल वीडियो पर सरपंच ने दी प्रतिक्रिया
बागोड़ा ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती सुकी कंवर एंव समाजसेवी मदन सिंह चौहान ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज तकलीफ होने पर आते हैं और वहा उसको कार्मिकों के अभाव में इलाज नही मिलना लापरवाही दर्शाता है। उपखंड क्षेत्र के मरीजों को बेहतर ढंग से उपचार मिलने के लिए सरकार ने इसे क्रमोन्नत किया है उसके बाद भी मरीज को निजी क्लीनिक पर जाकर इलाज के बदले जेब खाली करनी पड़े तो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को संज्ञान लेकर जांच कर कार्मिकों को पाबंद करना चाहिए।
ब्लॉक सीएमएचओ का कार्यालय भी इसी परिसर में
वायरल वीडियो को लेकर जब ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ विकास जांगिड़ से जानकारी ली तो बताया कि रविवार को केन्द्र निर्धारित समय पर चालु था और मैं भी पास ही बने कार्यालय में था तब तक ऐसा कोई मरीज नहीं आया है और स्टाफ भी ड्यूटी पर था। अब जो पीड़ित हैं वो यहा आकर रेबीज इंजेक्शन व मरहम पट्टी के लिए आए तो सही।