भीनमाल (Bhinmal) नैतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक चेतना के केंद्र गायत्री शक्तिपीठ, भीनमाल में रविवार को संस्थान का 39वां वार्षिकोत्सव श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ से हुआ, जिसमें वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच श्रद्धालुओं ने आहुतियां अर्पित कर सर्वजन सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना की। वार्षिकोत्सव के अवसर पर ध्वजारोहण समारोह भी आयोजित हुआ, जिसमें वार्षिक ध्वजा के लाभार्थी राव विरदसिंह पुर परिवार ने मंदिर के शिखर पर धर्मध्वजा फहराई। इसके पश्चात आयोजन स्थल पर भक्तिमय माहौल में सामूहिक प्रार्थना, भजन संध्या और देवपूजन कार्यक्रम संपन्न हुए।इस अवसर पर महेश व्यास ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि देवालय केवल पूजा का स्थान नहीं, बल्कि जनजागरण के केंद्र होने चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे आदि गुरु शंकराचार्य ने धर्मरक्षा हेतु चारों दिशाओं में मठों की स्थापना की थी, उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने देश-विदेश में गायत्री शक्तिपीठों की स्थापना की, ताकि साधना, स्वाध्याय, संस्कार और सेवा की परंपरा जीवित रह सके।व्यास ने कहा कि गायत्री शक्तिपीठ केवल उपासना स्थल नहीं, बल्कि संस्कारवान पीढ़ी निर्माण, योग-व्यायाम, गौसेवा, बाल-संस्कार शिक्षा और धर्म-संस्कृति के प्रचार-प्रसार का प्रखर केंद्र है। उन्होंने कहा कि समाज में जब भी अधर्म, अन्याय या अव्यवस्था बढ़ती है, तब ऐसे आध्यात्मिक केंद्र ही जनमानस में नई चेतना का संचार करते हैं। कार्यक्रम में राणमल शर्मा, जसराज सुथार, बंशीधर राठी, नरपतसिंह आर्य, नरेंद्र आचार्य, विक्रमसिंह आर्य, राजूसिंह, प्रभुराम जीनगर, नैनाराम चौहान, राजेश सोनी, वालाराम मौर्य, छोगाराम माली, सोमताराम माली, ओटाराम मेघवाल, नटवरलाल जीनगर सहित बड़ी संख्या में गायत्री परिवार के श्रद्धालु परिजन उपस्थित रहे। पूरे आयोजन स्थल पर श्रद्धा, अनुशासन और भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिला। अंत में सर्वजन कल्याण की मंगलकामना के साथ यज्ञ का पूर्णाहुति सत्र संपन्न हुआ और प्रसाद वितरण किया गया।
रिपोर्ट – परबतसिंह राव
