
भीलवाड़ा (Bhilwara)शहर के रामद्वारा में सजंय कॉलोनी निवासी सामरिया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञानयज्ञ के चौथे दिन सोमवार को कथावाचक रामस्नेही संत हरशुकराम ने कथा में श्रद्धालुओं ने भगवान वामन अवतार, श्रीराम अवतार, और श्रीकृष्ण जन्म के दिव्य प्रसंगों का रसास्वादन किया। संत हरशुकराम ने कहा की राम कथा हमे जीना सिखाती हैं, और भागवत कथा जीवन को तारना सिखाती हैं। भागवत कथा सुनने से मनुष्य के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं, वह अपने सांसारिक दुखों से मुक्ति पाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। संत हरशुकराम ने कहा कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ और अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और यह धन संपदा क्षण भंगुर होती है। इसलिए इस जीवन में परोपकार करों। राम अवतार के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह अवतार धर्म की स्थापना, दुष्टों का नाश और अपने भक्तों को आनंद प्रदान करने के लिए था। यह प्रसंग यह धर्म, सत्य, मर्यादा, भक्ति और कर्तव्यनिष्ठा के महत्व को दर्शाता है। कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग में उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण का जन्म धर्म की रक्षा, दुष्टों का संहार और भक्तों को आनंद प्रदान करने के लिए हुआ था। नन्दोत्सव प्रेम, आनंद और भक्ति का प्रतीक है। कृष्ण की बाल लीलाए भगवान के दिव्य और मानवीय स्वरूप के अद्भुत समन्वय को दर्शाती हैं। आयोजक परिवार के रतनलाल सामरिया ने बताया की कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण की जन्मोत्सव की झांकी सजाई गई। बालकृष्ण को टोकरी में लाने के दृश्य को देखकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए और दर्शन के लिए होड़ मच गई। जन्मोत्सव के उपलक्ष में पंडाल को फलों फूलों व टॉफीयों से सजाया गया। अंत मे माखन मिश्री प्रसाद वितरण किया गया। कथा मे बाबूलाल जाजू, ओम नराणीवाल सुनिल भदादा तथा मंदसौर सीतामऊ से प्रधारे रामलाल पाटीदार, रामेश्वर पाटीदार, ने संत श्री का माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया। यह कथा प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से दोपहर 12.15 बजे तक चलेगी, जिसमें श्रीमद् भागवत के विभिन्न भक्तिमय प्रसंगों का रसपान कराया जाएगा।