
बाड़मेर (Barmer) केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि नया भारत केवल घोषणाओं और भाषणों से नहीं, अपितु सशक्त राजनीतिक इच्छाशक्ति और निर्णायक नेतृत्व से बना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत इरादों के कारण ही आज भारत सामरिक शक्ति के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सका है। वर्ष 2014 के बाद भारत जिस तरह रणनीतिक रूप से सशक्त हुआ है, उससे आज दुनिया का कोई भी देश भारत की ओर आंख उठाकर देखने का साहस नहीं कर पाता।शनिवार को बाखासर में ठाकुर बलवंत सिंह बाखासर की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शेखावत ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के दौर में आतंकवादी हमले आम बात थे। आतंकियों ने अक्षरधाम, रघुनाथ मंदिर और हनुमान मंदिर जैसे पवित्र स्थलों को निशाना बनाया, लेकिन तब की सरकारें संयुक्त राष्ट्र में यह पत्र लिखकर अपनी जिम्मेदारी पूरी मान लेती थीं कि पड़ोसी देश हमारे यहां प्रायोजित आंतकवाद को बढ़ावा दे रहा है, लेकिन 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जब नया भारत उभरा, तब से आतंकवादी ऐसी दुस्साहसिक हरकतें करने से पहले सौ बार सोचने लगे हैं।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आतंकियों ने यदि उरी, पुलवामा और पहलगाम में हमले का दुस्साहस किया भी तो भारतीय सेना ने उन्हें करारा जवाब दिया। उरी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा के बाद एयर स्ट्राइक के जरिए भारत ने दुनिया को अपनी सैन्य क्षमता का स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से आतंक के आकाओं को यह साफ कर दिया गया कि यह नया भारत है, जो न झुकता है, न सहता है, बल्कि घर में घुसकर मारता है।*सामरिक आत्मनिर्भरता की ओर निर्णायक कदम*केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि आज भारत सीमा क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को मजबूत कर रहा है और अत्याधुनिक तकनीक के साथ स्वदेशी हथियार निर्माण को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विश्व में इस्तेमाल हुई गोलियों का लगभग 70 प्रतिशत उत्पादन भारत की आयुध फैक्ट्रियों में हुआ था, लेकिन बाद में इस क्षमता को जानबूझकर कमजोर किया गया। वर्ष 2014 के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सामरिक आत्मनिर्भरता के उस खोए हुए आत्मविश्वास को फिर से स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक था, जबकि आज भारत शीर्ष 10 हथियार निर्यातक देशों में शामिल हो चुका है। भारत अब आधुनिक मिसाइलें, बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम, विमान और तेजस जैसा स्वदेशी लड़ाकू फाइटर जेट बना रहा है, जिसे खरीदने के लिए दुनिया के कई देश कतार में खड़े हैं।*इतिहास और वर्तमान को जोड़ता प्रेरक क्षण*केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ठाकुर बलवंत सिंह बाखासर की प्रतिमा का अनावरण केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि इतिहास और वर्तमान को जोड़ने वाला एक प्रेरक क्षण है। यह प्रतिमा सीमांत समाज के साहस, कर्तव्यनिष्ठा और अदम्य मनोबल का प्रतीक है, जिसने राष्ट्र रक्षा में भूगोल की सीमाओं से परे जाकर योगदान दिया। उन्होंने कहा कि ठाकुर बलवंत सिंह जी का जीवन उन अनगिनत गुमनाम नायकों की याद दिलाता है, जिनकी कहानियां भले ही इतिहास में संक्षेप में दर्ज हों, लेकिन जिनमें भारत की आत्मा और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य की सबसे सशक्त भावना समाहित है।
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल
