
बाड़मेर (Barmer) स्थानीय एम.बी.सी. राजकीय कन्या महाविद्यालय, बाड़मेर में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) एवं राजनीति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विश्व मानवाधिकार दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं में मानवाधिकारों के महत्व, संरक्षण तथा नागरिक कर्तव्य के प्रति संवेदनशीलता विकसित करना था।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मुकेश पचौरी ने मानवाधिकारों की मूल भावना, समानता, स्वतंत्रता और गरिमा जैसे मूलभूत सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानवाधिकार सिर्फ अधिकार नहीं, बल्कि हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी भी हैं। मुख्य वक्ता राजनीति विज्ञान के सहायक आचार्य डॉ. गोपाल कृष्ण ने मानवाधिकारों से जुड़े संवैधानिक प्रावधानों एवं उनके व्यावहारिक अनुप्रयोग पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को न्याय, स्वतंत्रता और सुरक्षा का अधिकार है, और इन अधिकारों की रक्षा तभी संभव है जब समाज जागरूक हो। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान मतदाता जागरूकता विषय पर भी विस्तार से प्रकाश डाला तथा छात्राओं को मतदान के महत्व, निष्पक्ष चुनाव की भूमिका और लोकतांत्रिक भागीदारी के मूल्यों से अवगत कराया। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार बोहरा ने मानवाधिकारों के वैश्विक परिप्रेक्ष्य, संयुक्त राष्ट्र की भूमिका तथा महिलाओं के अधिकारों पर चिंतन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान मानवाधिकारों के प्रसार के सबसे सशक्त माध्यम हैं।एनएसएस अधिकारी चेतन तिवारी ने छात्राओं को मानवाधिकारों के उल्लंघन के कारणों एवं उससे बचाव के उपायों पर जानकारी प्रदान की तथा युवाओं की भूमिका पर बल दिया।कार्यक्रम के अंतर्गत “नैतिक अधिकार का महत्त्व” विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों ने नैतिक अधिकारों को सामाजिक मूल्यों, संवैधानिक अधिकारों और व्यक्तिगत आचरण से जोड़ते हुए सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए।
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल
