
बाड़मेर (Barmer) जिले के आदर्श ढूंढा गांव की पूजा ने गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी ईमानदारी का परिचय देकर सभी का दिल जीत लिया। गांव में तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव एवं भंडारा महोत्सव में हजारों की संख्या में श्रद्धालु और साधु-संत शामिल हुए थे। इसी दौरान लक्ष्मी पत्नी गणपत नामा की सोने की कंठी गुम हो गई, जिससे परिवार में चिंता का माहौल बन गया।लेकिन तभी पूजा गर्ग ने एक मिसाल कायम की। उसे वह सोने की कंठी मिली और उसने बिना किसी लालच के उसे वापस लौटा दिया। पूजा की इस ईमानदारी से प्रभावित होकर महिला का परिवार और वहां मौजूद संतों ने उसे सम्मानित करने का फैसला किया। मंच पर उसे इनाम देने की घोषणा की गई।जब पूजा को सम्मानित किया जा रहा था, तो उसने एक ऐसी इच्छा जाहिर की जिसने सभी को हैरान कर दिया। उसने इनाम के बदले अपने लिए एक भाई की मांग की। पूजा ने खुशाल गिरी महाराज से कहा कि उसे इनाम नहीं चाहिए, बल्कि एक भाई चाहिए। पूजा की इस सादगी और भाई के प्रति उसकी चाहत ने वहां मौजूद सभी लोगों का दिल छू लिया। संतों ने तुरंत उसे आशीर्वाद दिया और कहा कि एक साल के अंदर उसकी यह इच्छा पूरी होगी। इस दौरान हमीरपूरा मठ के मंहत नारायणपूरी महराज समेत बड़ी संख्या में साधु संत मौजूद थे। हर कोई पूजा की ईमानदारी की सराहना कर रहा है।महोत्सव के मीडिया प्रभारी हरिसिंह राठौड़ ने बताया कि 8 से 10 नवम्बर तक तीन दिवसीय बाबा रामदेव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ-साथ भंडारे का आयोजन किया गया था। जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि 9 नवम्बर को पूजा पुत्री प्रभु राम गर्ग निवासी आदर्श ढूंढा ने जिस तरह से ईमानदारी दिखाई, वह आज के समाज के लिए एक प्रेरणा है। समाजसेवी रमेश कड़वासरा ने बताया कि पूजा गर्ग एक किसान परिवार से है और वह अपने माता-पिता की इकलौती बेटी है। उसका कोई भाई नहीं है और शायद यही वजह है कि उसने इनाम के बदले भाई की मांग की।
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल
