
धर्मनगरी भीलवाड़ा (Bhilwara) में श्री श्याम प्रेमी परिवार संस्था देर रात इतिहास रच दिया। अग्रवाल उत्सव भवन में आयोजित त्रिदिवसीय श्याम कृपा महोत्सव के भव्य समापन समारोह ने हजारों भक्तों को भक्ति की ऐसी डुबकी लगवाई, जिसे शब्दों में बयाँ करना मुश्किल है। पहली बार शहर में 72 फीट ऊँचे मंच को तोरण द्वार की भव्यता के साथ सजाकर बाबा श्याम को विराजित किया गया। मंच पर 56 भोग अर्पित किए गए जिनमें विविध व्यंजनों की झलक भक्तों को रोमांचित कर गई। कार्यक्रम का आगाज़ मंगलमय गणेश वंदना से हुआ। इसके बाद बालाजी महाराज, खाटू श्याम और साँवरिया सेठ के भजनों ने वातावरण को भक्तिरस में डुबो दिया। मंच पर जयपुर की स्वर कोकिला रजनी राजस्थानी, कोलकाता के रवि बेरीवाल और दोसा के अजय शर्मा ने सुरों की ऐसी सरिता बहाई कि उपस्थित श्रद्धालु झूम उठे। तुमरे बिन हमरा कोई नहीं बाबा तुमरे बिन हमारा कोई नहीं, जब कोई नहीं आते मेरे बाबा आते हैं, हारा हूं बाबा पर तुझ पे भरोसा है, मेरा खाटू वाला श्याम है… जैसे बाबा श्याम के भक्ति भजनों पर पंडाल में मौजूद हर व्यक्ति ने हाथ उठाकर बाबा के जयकार लगाए। बड़ी संख्या में महिलाओं ने भजनों पर बाबा के दरबार में नाच- गाकर हाजिरी दी। भजन संध्या के दौरान खाटू श्याम कला भवन से पंडित पुरुषोत्तम पुरुषोत्तम शर्मा का सानिध्य मिला। विशेष तौर पर आए हुए संतगण, गणमान्य अतिथि और पत्रकार साथियों का श्री श्याम प्रेमी परिवार संस्था ने सम्मान कर आयोजन को और गरिमामय बना दिया। मंच पर पाँच भव्य दरबार सजे गणेश जी, सालासर बालाजी, रामलला, साँवरिया सेठ और बाबा श्याम। खास बात यह रही कि बिजयनगर से आया श्याम दरबार कोलकाता, दिल्ली और बैंगलोर से मंगाए गए दुर्लभ पुष्पों से श्रृंगारित किया गया। जैसे ही इत्र और पुष्प वर्षा शुरू हुई, वैसे ही पूरा पंडाल “श्याम श्याम” के गगनभेदी जयकारों से गूंज उठा। हजारों की संख्या में भक्तों ने भजन-कीर्तन का आनंद उठाया और भावविभोर होकर बाबा के चरणों में लीन हो गए। समापन पर श्री श्याम प्रेमी परिवार संस्था ने सभी भक्तों का आभार जताते हुए घोषणा की कि भविष्य में भी इससे बड़े और भव्य आयोजन कर भीलवाड़ा की धरती को श्याम रंग में रंगा जाएगा।
रिपोर्ट- पंकज पोरवाल
