जैसलमेर (Jaisalmer) से करीब 70 किलोमीटर दूर फतेहगढ़ उपखण्ड के डांगरी गांव में किसान की हत्या के बाद तनाव है। गांव में बाहरियों के प्रवेश पर रोक है। हर ओर कर्फ्यू जैसा सन्नाटा पसरा है। हालात को देखते हुए 400 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। पूरा इलाका छावनी में तब्दील है। बॉडी अभी गांव नहीं पहुंची है। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को डिटेन किया है। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।
बुधवार को गांव में पूरे दिन बाजार बंद रहे थे। शाम को कुछ लोगों ने बाजार में टायर-ट्यूब की दुकान में आग लगा दी। इसकी आग ने पास की तीन अन्य दुकानों को भी चपेट में ले लिया। देर रात करीब 11 बजे गांव में खड़े एक आरोपी के डंपर को भी लोगों ने आग के हवाले कर दिया था। सांगड़ थाना इलाके में माहौल बिगड़ता देख जिला कलेक्टर प्रताप सिंह और एसपी अभिषेक शिवहरे मौके पर पहुंचे थे। एसपी अभिषेक शिवहरे ने बताया- हमने सबको घरों में ही रहने की अपील की है। हालात काबू में हैं। फिलहाल गांव में शांति है। गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक डांगरी गांव से 1 किमी दूर एक आरोपी के डंपर को लोगों ने बुधवार रात 11 बजे के बाद आग लगाकर जला दिया। इधर आज 11 बजे के बाद मृतक का शव डांगरी लाया जाएगा। लोगों के ‘डांगरी चलो’ के आह्वान को देखते हुए पुलिस अलर्ट है और गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। अब जानते हैं कल क्या हुआ था… 2 सितंबर की रात खेत में सो रहे सुमेल गांव के किसान खेत सिंह (50) के सिर पर धारदार हथियार से बदमाशों ने वार कर दिए थे। घायल किसान पूरी रात डांगरी गांव के खेत में पड़ा रहा था। 3 सितंबर की सुबह आसपास के किसानों ने उसे देखा तो फतेहगढ़ के सरकारी हॉस्पिटल ले गए।
यहां डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज के बाद गंभीर हालत में बाड़मेर रेफर कर दिया
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर लिखा कि ऐसी घटनाओं का लोकतांत्रिक समाज में कोई स्थान नहीं है। प्रशासन दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करेगा। दोषियों को किसी भी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा। हिरण का शिकार करने से रोका था। बताया जाता है कि खेतसिंह ने हिरण का पीछा कर रहे लोगों को रोककर शिकार नहीं करने की हिदायत दी थी। इस पर उन लोगों ने रंजिश रखते हुए खेत सिंह को पीट-पीटकर मार डाला।
मर्डर के बाद ग्रामीणों ने बुधवार शाम करीब 6 बजे दूसरे पक्ष के लोगों की टायर ट्यूब की दुकान में आग लगा दी थी। तनाव को देखते हुए मौके पर पुलिस फोर्स तैनात की गई। गांव में बैरिकेडिंग की गई है और ग्रामीणों को घर में रहने की सलाह दी गई है।थाने के सामने हंगामा करने की तैयारी।
घटना के बाद बुधवार को पूरे गांव में शोक की लहर छा गई। इसके साथ ही डांगरी के बाजार भी पूरे दिन बंद रहे। गुरुवार को कुछ लोगों ने सांगड़ थाने के आगे भी विरोध की तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस ने अतिरिक्त फोर्स बुलाकर मौके पर शांति व्यवस्था कायम की गई। परिवार में 1 बेटी व 3 बेटे खेत सिंह मूल रूप से डांगरी से 3 किमी दूर सुमेलनगर गांव के रहने वाले थे। जिस खेत में मर्डर हुआ, वह डांगरी से सिर्फ आधा किमी दूर है। वह ज्यादातर समय अपने खेत में ही रहते थे। इन दिनों ग्वार की फसल के चलते वह खेत पर ही थे। खेत सिंह के 1 बेटी व 3 बेटे हैं।
वन विभाग की चुप्पी से होते हैं शिकार
वन्य जीव प्रेमी सुमेर सिंह ने बताया- इस क्षेत्र में खेतसिंह जैसे कई जागरूक लोग हैं, जो शिकार पर घटनाओं पर अंकुश लगाने के प्रयास में है। लेकिन वन विभाग के जिम्मेदारों की चुप्पी के कारण शिकारियों के हौंसले बुलंद हैं। शिकारियों पर कार्रवाई को लेकर भी लोग वन विभाग को सूचना देते हैं। लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण कोई कार्रवाई तक नहीं हो पा रही है।
रिपोर्ट- ठाकराराम मेघवाल