भीलवाड़ा। एक तरफ केंद्र एवं राज्य सरकार वाटरशेड प्रोग्राम चलाकर जल संग्रह कार्यक्रम पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वहीं दुसरी और जिले की एक ग्राम पंचायत गांव के ही एक सार्वजनिक तालाब के पानी की आवक को रोक कर ग्राम वासियों के समक्ष एक बड़ी परेशानी खड़ी कर रही है।
इस समस्या को लेकर ग्राम वासियों ने अब तक तीन बड़े आला अधिकारियों को लिखित में शिकायत कर अवगत कराया परंतु अभी तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने ग्राम वासियों की इस समस्या का समाधान नहीं निकाला जिसके कारण सोमवार को तीन दर्जन से अधिक ग्राम वासियों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन प्रस्तुत किया है।
जानकारी के अनुसार हुरड़ा तहसील के भारलियास ग्राम स्थित सार्वजनिक तालाब में कई वर्षों से प्राकृतिक जल भराव का जो रास्ता बना हुआ है ग्राम पंचायत सोडार अब उस रास्ते को संकड़ा और छोटा करके तालाब में आने वाले पानी की आवक को रोकने का कार्य कर रही है।
जबकि ग्रामवासी ग्राम पंचायत के इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं ज्ञापन में गांव वासियों ने बताया कि तालाब में पानी के भराव का परंपरागत एवं प्राकृतिक रास्ता जो बना हुआ है उससे प्रचुर मात्रा में पानी की आवक होती है और इसी पानी की आवक से आसपास के खेतों में सिंचाई के अलावा तालाब के निकट ही एक बड़ा कुआं होने की वजह से ग्राम वासी इस कुएं से अपनी प्यास बुझाते हैं ग्राम वासियों का आरोप है कि ग्राम पंचायत सोडार अगर पानी के आवक वाले रास्ते को संकड़ा और नाले में परिवर्तित कर देगी तो प्राकृतिक जल का उपयोग नहीं हो पाएगा और यह जल गांव की सड़कों पर व्यर्थ बहकर घरों को नुकसान भी पहुंचाएगा।
ज्ञापन में बताया कि पानी की आवक के उत्तर पूर्व में गांव स्थित है और इस आवक के पास रोड बना हुआ है इस रोड की आराजी नंबर 654 में रोड क्रॉस कर गांव का गंदा प्रदूषित पानी 3 फीट चैड़ा नाला बनाकर ग्राम पंचायत सोडार द्वारा हमारे गांव के तालाब में डालने का कार्य किया जा रहा है जिसे जनहित में रोकना अति आवश्यक है। ज्ञापन पर लगभग तीन दर्जन से ज्यादा ग्राम वासियों ने हस्ताक्षर किए हैं।
रिपोर्ट: पंकज पोरवाल, भीलवाड़ा