
पाली (Pali) सोमवार 29 सितम्बर शहर के युवा एडवोकेट सौरभ रांका (Advocate Saurabh Ranka) पुत्र लक्ष्मी हुकमीचंद रांका ने हैदराबाद में 28 और 29 सितम्बर को आयोजित चौथे अंतरराष्ट्रीय शोध सम्मेलन, में इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्टसी पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया। दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन इंसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्टसी बोर्ड ऑफ़ इंडिया (आई.बी.बी.आई.) और इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नस (आई.एस.बी.) हैदराबाद ने संयुक्त रूप से किया था। इसमें पूरे देश से चुनिंदा 24 शोधकर्ताओं को आमंत्रित किया गया, जिनमें पाली के सौरभ रांका भी शामिल रहे।
सौरभ ने “कंपनी संकट से पहले निदेशकों की जिम्मेदारी” विषय पर अपना शोध प्रस्तुत किया। यह विषय भारत जैसे विकासशील देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि आने वाले समय में इस शोध से आई.बी.सी. कानून में सुधार का मार्ग प्रशस्त होगा।सम्मेलन में देश-विदेश के कई प्रमुख वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम और डेलॉइट इंडिया के पूर्व चेयरमैन पी.आर. रमेश जैसे दिग्गजों की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और प्रभावशाली बनाया। आयोजकों ने कहा कि इस सम्मेलन से निकले विचार और शोधपत्र भविष्य में भारत की दिवालियापन व्यवस्था को अधिक सशक्त और जवाबदेह बनाने में सहायक होंगे।
सौरभ रांका पेशे से एडवोकेट हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्ग से LLM की पढ़ाई की है और पिछले वर्ष यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफ़ोर्ड में भी अपने शोध प्रस्तुत कर चुके हैं। इस उपलब्धि पर सौरभ ने कहा कि – “मेरे लिए यह क्षण केवल व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, बल्कि पाली की युवा पीढ़ी के लिए यह संदेश है कि मेहनत और शिक्षा से अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचना संभव है।”
रिपोर्ट – घेवरचन्द आर्य
