राजसमंद (Rajsamand) महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजनगर में रिमार्केबल एजुकेशन संस्था द्वारा प्रकाशित करियर मार्गदर्शक पुस्तिका ‘सही सलाह, सफलता की राह’ का विमोचन शुक्रवार को भव्य समारोह के साथ हुआ। कार्यक्रम में राजसमंद विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी वर्चुअल रूप से जुड़ीं, जबकि जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा, रिमार्केबल एजुकेशन की फाउंडर एवं सीईओ डॉ. प्राची गौड़, एडीपीसी घनश्याम गौड़, सीबीईओ उषा टेलर, प्रोजेक्ट समन्वयक राकेश गोस्वामी सहित अन्य अधिकारी, शिक्षक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। साथ ही, राजसमंद विधानसभा क्षेत्र के समस्त राजकीय विद्यालयों में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया।
विकसित भारत का संकल्प करना है पूरा :विधायक माहेश्वरी
विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने वर्चुअल संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने में युवाओं की सक्रिय भागीदारी बेहद आवश्यक है और हम सभी को इस दिशा में आगे बढ़ना होगा। निश्चित रूप से यह पुस्तिका बच्चों को करियर के मार्ग में सही दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे इसे अवश्य पढ़ें और अध्यापक भी सुनिश्चित करें कि बच्चे इसका अध्ययन करें। विधायक माहेश्वरी ने जोर देते हुए कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में यह जरूरी है कि बच्चों को अपने टैलेंट के बारे में पता हो, ताकि वे उसके अनुसार अपना करियर चुन सकें।
हर बच्चा अपनी प्रतिभा के अनुसार चुने करियर :कलक्टर
जिला कलक्टर ने कहा कि यह किसी एक संस्था का प्रयास नहीं, बल्कि सभी की सहभागिता से चलने वाला एक साझा अभियान है। यह एक आंदोलन है जिसका उद्देश्य बच्चों को उनकी क्षमताएँ पहचानने में मदद करना है। उन्होंने कहा कि हमें अपने दैनिक कार्यों से हटकर यह देखना होगा कि आने वाली पीढ़ी के लिए हम क्या योगदान कर सकते हैं। इस अभियान का उद्देश्य अपने आप को पहचानें’ है। आज की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि हम अपनी योग्यता का आकलन दूसरों से करते हैं। हम अक्सर यह सोचते हैं कि ‘लोग क्या कहेंगे’ और अपनी तुलना दूसरों से कर बैठते हैं। हमें इस मानसिकता से बाहर निकलकर अपनी क्षमता पहचाननी होगी और अपने अनुसार सही क्षेत्र का चयन कर आगे बढ़ना होगा।
बच्चों को सही मार्गदर्शन सर्वाधिक महत्वपूर्ण :डॉ. गौड़
रिमार्केबल एजुकेशन की संस्थापक और सीईओ डॉ. प्राची गौड़ ने कहा कि बच्चों के भविष्य का निर्णय प्रायः आसपास के लोग लेते हैं, जो कई बार उनकी क्षमताओं को पहचान नहीं पाते। बच्चों को स्वयं यह समझना चाहिए कि उनकी ताकत क्या हैं और वे किन क्षेत्रों में आगे बढ़ सकते हैं। आवश्यक है कि उन्हें सही मार्गदर्शन मिले। उन्होंने कहा कि इस बदलाव में सभी की सहभागिता आवश्यक है और साइकोमेट्रिक टेस्ट में सहयोग देकर हम बच्चों को उनकी क्षमताओं से परिचित करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को बेहतर भविष्य देना है तो यह सामूहिक प्रयासों से ही संभव है।
अभियान उमंग की हुई शुरुआत
कार्यक्रम में जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा के नेतृत्व में जिला प्रशासन, राजसमंद द्वारा रिमारकेबल एजुकेशन संस्थान के सहयोग से शुरू अभिनव पहल ‘उमंग’ की शुरुआत भी हुई। उमंग अभियान के तहत 15 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं का साइकॉमेट्रिक टेस्ट कराया जाएगा। संस्थान सीईओ डॉ प्राची गौड़ ने बताया कि इस टेस्ट की मदद से बच्चों को यह समझने में सहायता मिलेगी कि उनकी मानसिक क्षमताएँ क्या हैं और वे किन क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। इस तरह का नवाचार करने वाला राजसमंद जिला एक उदाहरण बनेगा।
बच्चे पहचानेंगे अपनी क्षमता
प्रशासन का प्रयास है कि शुरुआत में 15 हजार बच्चों को यह टेस्ट कराया जाए, ताकि वे अपनी क्षमताओं को पहचान कर विज्ञान, कला, वाणिज्य, प्रशासन, स्पेस या अन्य किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। साइकॉमेट्रिक टेस्ट ऐसे वैज्ञानिक परीक्षण होते हैं जिनके माध्यम से किसी व्यक्ति की मानसिक क्षमताओं, व्यक्तित्व, रुचियों, व्यवहार, सोचने की शैली, निर्णय क्षमता, भावनात्मक परिपक्वता आदि का आकलन किया जाता है।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत
