जोधपुर एम्स में महिला के ब्रेन डेड के बाद 5 ऑर्गन को अंगदान कर मिसाल कायम की। जो मरकर भी 5 जनों की जिंदगियां रोशन कर गई। साथ ही जज्बातों से लबरेज दिवंगत शांति के परिजन हैं। जिन्होंने सोच रखी कि शांति अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसके अंग से कइयों को जीवनदान मिल सकेगा। इस जीवनदान को डॉक्टरों ने भी बाकायदा जीवित रखा।
जयपुर-जोधपुर में मरीजों को इसे प्रत्यारोपित किया। एम्बुलेंस से महिला के शव को बाड़मेर शहर में लाया गया। वहां पर समाज की महिलाएं और लोगों ने फूल और पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। वहीं शांतिदेवी अमर रहे के नारे भी लगाए गए।
जोधपुर एम्स से शांतिदेवी का शव बाड़मेर के लिए रवाना किया गया।
मृतका के जवाई ने बताया- शांति देवी (58) पत्नी भैराराम सोनी निवासी चौहटन की करीब 30 दिन पहले घर पर ही ब्रेन हेमरेज (दिमाग की नस) फट जाने से तबीयत बिगड़ गई। बाड़मेर हॉस्पिटल लेकर आए। यहां से उन्हें जोधपुर रेफर कर दिया गया। वहां पर 15 दिन भर्ती रहे। इस दौरान हमने चार बार ऑपरेशन करवाया गया। लेकिन इसके बावजूद ब्रेन डेड होने के कारण इसमें हलचल नहीं थी।
हमने 10 दिन तक इंतजार किया। एम्स डॉक्टरों ने परिजनों को बताया। इसके परिजनों ने अपने परिवार के लोगों से चर्चा के बाद शांतिदेवी का ऑर्गन किडनी, लीवर, हार्ट, आंखें सहित 5 अंगदान किया गया। हमें बहुत ही खुशी है इसका नतीजा है बाड़मेर शहर में फूल व पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई है।
शव पर फूल व पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
सोनी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष घेवरचंद सोनी ने बताया- एक माह से बीमार थे। 10 दिन तक बाड़मेर हॉस्पिटल में भर्ती रहें। यहां से फिर डॉक्टरों ने जोधुपर एम्स हॉस्पिटल भेज दिया। 15 दिन से एम्स में भर्ती है। परिवार व समाज के लोगों से विचार-विमर्श किया गया। तब सबने कहा कि अंगदान करना पुण्य काम है। आज सुबह 5 बजे ऑपरेशन करके उनके 5 ऑर्गन अंगदान किए। इसके बाद बॉडी सुपुर्द की गई। बच्चों ने कहा कि मेरी मां की आंखें किसी के काम आए। इसके सहित पांच अंगों का अंगदान किया गया।
बाड़मेर पहुंचने पर की पुष्पाजंलि अर्पित
शांतिदेवी की बॉडी बाड़मेर शहर पहुंचने पर जगदम्बा मंदिर के आगे एम्बुलेंस को रुकवाकर फूल बरसाए गए। वहीं फूल व पुष्प चक्र अर्पित कर महिलाओं और समाज के लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद इनकी बॉडी को चौहटन के लिए रवाना हुई।
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल