Vaishnavi Hagawane की हत्या या आत्महत्या? सियासत, पुलिस और न्याय पर उठे सवाल

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Vaishnavi Hagawane की हत्या या आत्महत्या? सियासत, पुलिस और न्याय पर उठे सवाल

निष्कासित NCP नेता राजेंद्र हगवणे की बहू, 23 वर्षीय वैष्णवी हगवणे (Vaishnavi Hagawane) की संदिग्ध मृत्यु ने महाराष्ट्र में जन आक्रोश भड़का दिया है। भले ही ससुराल पक्ष इसे आत्महत्या बता रहा हो, लेकिन मृतका के परिजनों और परिवार की एक अन्य बहू ने दहेज प्रताड़ना और हिंसा के गंभीर आरोप लगाए हैं।

क्या है मामला?

वैष्णवी के पिता अनिल कासपटे ने FIR में आरोप लगाया है कि 2023 में हुई शादी के वक्त उन्होंने 51 तोला सोना, चांदी के बर्तन और एक फॉर्च्यूनर एसयूवी दहेज स्वरूप दी थी। विवाह समारोह में उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी मौजूद थे। कासपटे के अनुसार, अजित पवार ने खुद कार की चाबी शशांक हगवणे को सौंपी थी और यह भी पूछा था कि यह उपहार स्वेच्छा से दिया गया या मांग की गई थी।

शादी के कुछ ही समय बाद वैष्णवी पर दहेज की मांग को लेकर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न शुरू हो गया। उनके पति शशांक, सास लता और ननद करिश्मा उन्हें बार-बार प्रताड़ित करते थे। पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी को 2 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग को लेकर मारा-पीटा गया और यहां तक कि उसने आत्महत्या की कोशिश भी की थी।

16 मई को क्या हुआ?

16 मई को वैष्णवी की लाश उनके ससुराल (भुकुम क्षेत्र) में मिली। कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ। कासपटे का आरोप है कि बेटी के शरीर पर गंभीर चोट के निशान थे, जिससे साफ है कि उसकी हत्या की गई है। एफआईआर में यह भी उल्लेख है कि ससुराल वालों ने वैष्णवी के चरित्र पर भी सवाल उठाए थे।

गिरफ़्तारियां और बच्चों की कस्टडी का विवाद

इस मामले में पति शशांक, सास लता, ननद करिश्मा, ससुर राजेंद्र और जेठ सुशील को गिरफ्तार किया गया है। राजेंद्र और सुशील एक सप्ताह तक फरार थे, जिन्हें शुक्रवार को स्वर्गेट, पुणे से पकड़ा गया।

इस बीच वैष्णवी के 10 महीने के बेटे की कस्टडी को लेकर भी तनाव रहा। आरोप है कि बच्चे को शशांक के दोस्त निलेश चव्हाण के पास रखा गया था, जिसने वैष्णवी के परिजनों को धमकाया। आखिरकार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हस्तक्षेप के बाद बच्चे को कासपटे परिवार को सौंपा गया।

वायरल ऑडियो और दूसरी बहू का आरोप

एक वायरल ऑडियो में वैष्णवी कहती हैं, “शादी करना मेरी गलती थी… मेरे पति और ससुराल वालों ने मुझे कभी अपनाया नहीं।” इसके अलावा, सुशील हगवणे की पत्नी मयूरी हगवणे ने भी ससुराल वालों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उनके पति ने उनका साथ दिया लेकिन उसे भी पीटा गया।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

अजित पवार ने सफाई दी कि वह केवल एक शादी में शामिल हुए थे और किसी गलत व्यवहार के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने यह भी बताया कि राजेंद्र और शशांक को पार्टी से निकाल दिया गया है।

एनसीपी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने घटना को “मानवता पर कलंक” बताया और निष्पक्ष जांच की मांग की। मुख्यमंत्री फडणवीस ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि वैष्णवी के शरीर के घाव, ऑडियो क्लिप्स और परिजनों की बातें जांच में शामिल की जाएंगी।

महिला आयोग की कार्यशैली पर उठे सवाल, नीलम गोर्हे ने मांगी जवाबदेही

वैष्णवी हगवणे मौत मामले में महाराष्ट्र विधानपरिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे ने राज्य महिला आयोग की कार्यप्रणाली पर सीधे सवाल उठाए हैं। पीड़िता के परिजनों से मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि महिला आयोग को और अधिक प्रभावी ढंग से काम करने की ज़रूरत है।

नीलम गोर्हे ने कहा, “पूर्व अध्यक्ष विजया रहाटकर के समय महिला आयोग ने सामाजिक संगठनों को अपने काम में शामिल किया था। अब वर्तमान अध्यक्ष रूपाली चाकणकर को भी संस्थाओं का विश्वास जीतने की ज़रूरत है। नियमित बैठकें करके इन संस्थाओं को सक्रिय रूप से जोड़ना आवश्यक है। यदि वे ऐसा नहीं कर पा रही हैं, तो किसी अन्य के माध्यम से यह समन्वय होना चाहिए।”

मयुरी जगताप मामला भी लाया सामने:

गोर्हे ने इस दौरान मयुरी जगताप मामले का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “यदि महिला आयोग ने मयुरी को ‘घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम’ के अंतर्गत मामला दर्ज कराने की सलाह दी होती, तो शायद उसे पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिल पाता। सिर्फ पुलिस को दोष देना काफी नहीं है, महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनों के प्रति जागरूक करना जरूरी है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि केवल वरिष्ठ अधिकारियों की संवेदनशीलता पर्याप्त नहीं है, बल्कि थाने के स्तर पर भी पुलिस को संवेदनशील बनाना चाहिए। नाशिक की एक युवती की आत्महत्या का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर दबंग तत्वों का हस्तक्षेप चिंता का विषय बन गया है।

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