RG kar डॉक्टर हत्या मामले में Sanjay Roy को उम्रकैद, राजनीतिक दलों ने उठाए सवाल

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RG kar डॉक्टर हत्या मामले में Sanjay Roy को उम्रकैद

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित सीबीआई अदालत ने सोमवार (20 जनवरी 2025) को संजय रॉय (Sanjay Roy) को उम्रकैद की सजा सुनाई। रॉय को 31 वर्षीय डॉक्टर के बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया गया था, जो राज्य-प्रबंधित RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (RG kar Medical College & Hospital) में कार्यरत थी। यह घटना 9 अगस्त 2023 को हुई थी। अदालत के आदेश के बाद, संजय रॉय को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से अदालत लाया गया। सुरक्षा व्यवस्था के तहत, अदालत परिसर के बाहर लगभग 500 पुलिसकर्मी तैनात थे।

अदालत का फैसला और सजा

सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने शनिवार (18 जनवरी, 2025) को रॉय को बलात्कार और हत्या का दोषी पाया था। अदालत ने सजा के रूप में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई, यह बताते हुए कि यह मामला “दुर्लभतम से भी दुर्लभतम” (rarest of rare) नहीं है, जबकि सीबीआई ने दोषी को फांसी की सजा देने की मांग की थी।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस सजा पर टिप्पणी करने से मना किया। उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी मौत की सजा की मांग की थी, लेकिन यह निर्णय न्यायाधीश पर निर्भर करता है और मामला किस प्रकार से प्रस्तुत किया गया है, इस पर आधारित होता है।”

पीड़िता के परिवार का बयान

पीड़िता के परिवार ने सोमवार को अदालत में कहा कि वे अपनी बेटी के लिए मुआवजे की बजाय न्याय चाहते हैं। अदालत ने इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को ₹17 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रिया

भाजपा के सांसद कमलजीत सेहरावत ने कहा, “यह घटना पूरे देश को हिला देने वाली है। यह सवाल उठता है कि अदालत ने इस फैसले को किस आधार पर लिया। राज्य सरकार को इसे मजबूती से पेश करना चाहिए था और दोषी को फांसी की सजा दिलवानी चाहिए थी।”

भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा, “हर किसी ने संजय रॉय के लिए अधिकतम सजा की उम्मीद की थी। बंगाल के लोग मानते हैं कि इस अपराध में और भी लोग शामिल हैं। एक व्यक्ति यह सब नहीं कर सकता। राज्य सरकार और पुलिस ने सभी सबूत मिटा दिए हैं। हम जानते हैं कि सच सामने आएगा।”

कार्यकर्ता बृंदा अडिगे ने कहा, “मुझे लगता है कि अदालत ने यह सजा इसलिए दी है क्योंकि बाकी अपराधी अभी पकड़े नहीं गए हैं। अदालत शायद यह डर रही है कि दोषी संजय रॉय, जो खुद एक गवाह हो सकते हैं, भाग सकते हैं और बाकी लोग सुरक्षित रह सकते हैं। जब सभी आरोपियों को पकड़ा जाएगा, तब यह मामला सबसे दुर्लभ अपराध के तौर पर सामने आएगा।”

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला का आरोप

शहजाद पूनावाला ने पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार और पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने “कई चीजों में हेरफेर” किया, जिसके कारण संजय रॉय को हल्की सजा मिली। पूनावाला ने कहा, “ममता बनर्जी से उम्मीद थी कि वह अपनी बेटी को न्याय दिलवाएंगी, लेकिन वह सबूत नष्ट करने, सच्चाई दबाने और बलात्कारियों को बचाने में व्यस्त रहीं। पूरा न्याय नहीं हुआ है।”

RG कर बलात्कार और हत्या मामले के प्रमुख बिंदु

संजय रॉय को डॉक्टर के बलात्कार और हत्या का दोषी पाया गया। उसे भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत सजा दी गई।

धारा 64 (बलात्कार) के तहत सजा कम से कम 10 साल और अधिकतम जीवनभर की सजा हो सकती है।

धारा 66 (मृत्यु या स्थायी विकलांगता पैदा करने के लिए दंड) में कम से कम 20 साल की सजा और अधिकतम जीवनभर की सजा या मौत की सजा हो सकती है।

धारा 103(1) (हत्या) के तहत फांसी की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान है।

यह मामला पश्चिम बंगाल में एक संवेदनशील और विवादास्पद घटना बन गया है, जिसमें राज्य सरकार और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।

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