ऑपरेशन सिंदूर पर देश को संबोधित करने के अगले ही दिन मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने पंजाब स्थित आदमपुर एयरबेस (Adampur Airbase) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वायुसेना और थलसेना के जवानों से बातचीत की और उनके साहस को सलाम किया।
भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को मौजूदा स्थिति की जानकारी दी। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री ने लिखा कि आदमपुर जाकर वीर सैनिकों से मिलना उनके लिए एक विशेष अनुभव रहा। उन्होंने लिखा, “आज सुबह आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन गया और हमारे साहसी वायुयोद्धाओं व सैनिकों से मिला। ये वे लोग हैं जो साहस, संकल्प और निडरता की मिसाल हैं। देश इनके योगदान के लिए हमेशा आभारी रहेगा।”
देश को संबोधित करते हुए पीएम का सख्त संदेश
7 मई को हुए सैन्य अभियान के बाद अपने पहले राष्ट्र संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सेनाओं, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों ने मिलकर जिस तरह से ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, वह अद्वितीय साहस का परिचायक है। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि जो कोई भी देश की बेटियों और बहनों के माथे से सिंदूर मिटाने की कोशिश करेगा, उसे उसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
भारत-पाक सीज़फायर की पृष्ठभूमि में आया बयान
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम पर सहमति बनी है, जो चार दिनों की सीमा पार गोलाबारी और तनाव के बाद हुई। दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMOs) के बीच हुई बातचीत में यह तय हुआ कि आगे किसी प्रकार की सैन्य कार्रवाई नहीं की जाएगी।
हालाँकि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत ने जवाबी कार्रवाई को स्थगित किया है, समाप्त नहीं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम की पहल की गई थी और भारत ने उस अनुरोध पर विचार करते हुए फिलहाल कार्रवाई रोकी है। उन्होंने कहा, “हम हर कदम पर पाकिस्तान की नीयत को परखेंगे। यह सिर्फ एक विराम है, अंत नहीं।”
आतंकवाद पर भारत का रुख दोहराया
प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा कि “आतंक और वार्ता साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्यापार भी एक साथ नहीं हो सकते… पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत अब केवल पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर ही होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का एक नया मापदंड स्थापित किया है और अब यह भारत की नई रणनीतिक सोच का हिस्सा बन चुका है।