
Pahalgam Terror Attack Update: पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदमों की घोषणा के एक दिन बाद गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने एक सुर में आतंक के खिलाफ केंद्र सरकार के निर्णयों को समर्थन देने की बात कही। हालांकि, विपक्षी दलों ने सुरक्षा और खुफिया तंत्र में हुई संभावित चूक को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े किए।
बैठक में सरकार की ओर से गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भाग लिया और राजनीतिक दलों के नेताओं को मौजूदा हालात की जानकारी दी। ये सभी नेता सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) के सदस्य हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित कई नेताओं ने सुरक्षा व्यवस्था में भारी कमी की ओर ध्यान दिलाया।
प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर भी उठे सवाल
बैठक के बाद खड़गे ने कहा, “ऐसे गंभीर मुद्दों पर प्रधानमंत्री का उपस्थित रहना ज़रूरी है। केवल उन्हें जानकारी देना काफी नहीं होता, उन्हें स्वयं विभिन्न दलों की राय सुननी चाहिए। हमने सुरक्षा चूक का मुद्दा भी उठाया — जब तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था थी, तब यह हमला कैसे हुआ?”
उन्होंने दावा किया कि बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि उनकी पूरी कोशिशों के बावजूद यह घटना एक “व्यवस्थागत चूक” थी।
AAP और विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
AAP नेता संजय सिंह ने बताया कि सरकार ने बताया कि हमला जिस स्थान पर हुआ, वह आमतौर पर अमरनाथ यात्रा के समय खुलता है और उस दौरान सुरक्षा कड़ी होती है। लेकिन इस बार 20 अप्रैल से यह स्थान खोल दिया गया था, और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। उन्होंने इसे “गंभीर सुरक्षा लापरवाही” करार दिया।
NCP (SP) की सुप्रिया सुले ने कहा कि पुणे के टूर ऑपरेटरों को भी पता था कि वह स्थान खुल चुका है, जिससे यह बात सामने आती है कि सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी देने में चूक हुई।
सभी दलों ने की एकजुटता की घोषणा
बैठक के दौरान सभी दलों ने एकमत होकर आतंक के खिलाफ सरकार की कार्यवाही को समर्थन देने की घोषणा की। खड़गे ने कहा, “हम सब एकजुट हैं और सरकार जो भी कदम देशहित में उठाएगी, हम उसका समर्थन करेंगे।”
राहुल गांधी ने भी कहा कि विपक्ष ने इस हमले की निंदा करते हुए सरकार को हर संभव समर्थन देने की बात कही है।
सरकार की ओर से कड़े कदमों की जानकारी
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने CCS के निर्णयों की जानकारी दी और कहा कि सरकार आतंकवाद के प्रति ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति पर कायम है और और भी कठोर कदम उठाने जा रही है। बैठक में खुफिया ब्यूरो और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी घटनाक्रम की जानकारी दी।
सभी दलों के नेता रहे मौजूद
बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, AAP, DMK, RJD, AIMIM, BJD, NCP(SP) जैसे प्रमुख दलों के अलावा NDA सहयोगी शिवसेना और TDP के नेता भी शामिल हुए। सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि आगामी रणनीति पर राजनीतिक वर्ग की आवाज़ एक हो।
आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग
AAP नेता संजय सिंह और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई और पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत दबाव बढ़ाने की मांग की। ओवैसी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1373 और UN चार्टर के अनुच्छेद 51 का हवाला देते हुए सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील की।
हालांकि ओवैसी ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर कश्मीरी छात्रों और मुस्लिमों के खिलाफ फैलाया जा रहा “झूठा प्रचार” तुरंत बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा, “आतंकी जिस भी मजहब के नाम पर हमला करें, यह निंदनीय है, लेकिन उसका जवाब निर्दोषों को परेशान करके नहीं दिया जाना चाहिए।”
संसद सत्र बुलाने की मांग
IUML नेता हारिस बीरन ने इस मुद्दे पर दो दिवसीय विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की और पूछा कि सुरक्षा बलों में 1.8 लाख की कमी का असर कहीं सुरक्षा चूक की एक वजह तो नहीं बनी।