चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार नाम दिया है। राज्यसभा चुनाव के मकसद से चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को यह नाम दिया है।
यह फैसला ऐसे समय में आया है, जबकि आयोग ने मंगलवार को ही घोषणा की कि अजित पवार गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी है। चुनाव निकाय का यह निर्णय पार्टी संस्थापक शरद पवार के लिए बड़ा झटका है।
शरद पवार ने 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को स्थापित किया था। उनके भतीजे एवं वरिष्ठ नेता अजित पवार के पार्टी के आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो जाने के बाद पार्टी विभाजित हो गई।
आयोग ने एक आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को राकांपा का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी आवंटित कर दिया। चुनाव निकाय ने कहा कि निर्णय में ऐसी याचिका की पोषणीयता के निर्धारित पहलुओं का पालन किया गया,
जिसमें पार्टी संविधान के उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक तथा विधायी दोनों में बहुमत के परीक्षण शामिल थे।