नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के बीच रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (MIGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए DRDO और भारतीय नौसेना और उद्योगों को बधाई दी। रक्षा मंत्री ने DRDO, भारतीय नौसेना और उद्योग की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रणाली भारतीय नौसेना की पानी के नीचे युद्ध क्षमताओं को और बढ़ाएगी।
यह प्रणाली नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला, विशाखापत्तनम द्वारा अन्य रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन प्रयोगशालाओं – उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला, पुणे और टर्मिनल बैलिस्टिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला, चंडीगढ़ के सहयोग से विकसित एक उन्नत पानी के नीचे की नौसेना की खदान है। MIGM को आधुनिक स्टील्थ जहाजों और पनडुब्बियों के खिलाफ भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, विशाखापत्तनम और अपोलो माइक्रोसिस्टम्स लिमिटेड, हैदराबाद इस प्रणाली के उत्पादन भागीदार हैं।
The @DRDO_India and @indiannavy successfully undertook combat firing (with reduced explosive) of the indigenously designed and developed Multi-Influence Ground Mine (MIGM).
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) May 5, 2025
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh has complimented DRDO, Indian Navy and the Industry on this… pic.twitter.com/pOvynpBcr5
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि इस सत्यापन परीक्षण के साथ, यह प्रणाली अब भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है।