
Pali: राजस्थान राज्य में ठेकेदारों की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को पाली में ठेकेदार संघ की ओर से जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि प्रदेश के संवेदक काफी समय से नीतिगत अस्थिरता, समय पर भुगतान न होने, और विभागीय अनियमितताओं जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इन कारणों से राज्य में निर्माण कार्यों की गति भी प्रभावित हो रही है।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार और संवेदकों के बीच कई बार वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला है। अब प्रदेश के सभी ठेकेदार संगठनों ने मिलकर 11 जून से सभी सरकारी निर्माण कार्यों की निविदाओं का सामूहिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मनमाने नियम, समय विस्तार के मामलों में निर्णय में देरी, पूर्व की नीति SOP का पालन न होना, GST भुगतान में भेदभाव, और पंजीयन प्रणाली में अव्यवस्था के चलते संवेदकों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है। साथ ही विभागों द्वारा गुणवत्ता जांच के बाद भी पूरा भुगतान नहीं किया जाता, जिससे संवेदकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि कार्य की एवज में किए गए भुगतान में विलंब पर संवेदकों को ब्याज मिले, जिस प्रकार सरकार स्वयं टैक्स वसूली में ब्याज लागू करती है। बीएसआर की दरें बाजार के अनुरूप तय की जाएं ताकि निर्माण कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे और कोई वर्ग आर्थिक रूप से हानि न उठाए। साथ ही, यह भी आग्रह किया गया कि माइनिंग विभाग में रॉयल्टी से संबंधित प्रक्रिया को सरल बनाया जाए और विभागीय स्तर पर ही रॉयल्टी जमा कराई जाए जिससे ठेकेदारों को अतिरिक्त परेशानियों का सामना न करना पड़े।
ठेकेदार संघ का यह भी कहना है कि प्रदेश के कई जिलों में भौगोलिक परिस्थितियां अलग-अलग हैं, इसलिए ट्रांसपोर्टेशन का अतिरिक्त भुगतान बीएसआर में शामिल किया जाए। इसी के साथ पैकेज सिस्टम को खत्म कर छोटे कार्यों की अलग-अलग निविदाएं जारी की जाएं ताकि हर श्रेणी के संवेदकों को समान अवसर मिल सके।
ज्ञापन सौंपने के दौरान पाली ठेकेदार संघ के अध्यक्ष राजेश भंसाली, उपाध्यक्ष पुखराज मालवीय, सचिव राकेश लिम्बा, कोषाध्यक्ष सचिन कुमावत, साबीर हुसैन, गोविंदसिंह, कुंदनसिंह, शरीफ खान, आखिफ खान, उत्तम भंसाली, रतनलाल, नूरदीन, पंकज शर्मा, चंदन बाहेती, सुरेश कुमावत सहित कई संवेदक मौजूद रहे।
संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक सरकार संवेदकों की समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं करती, तब तक प्रदेश में सरकारी निर्माण कार्यों की निविदाओं का बहिष्कार जारी रहेगा।
रिपोर्ट – रविन्द्र सोनी