
Pali : पाली शहर का ऐतिहासिक और आस्था से भरा सोमनाथ महादेव मंदिर बुधवार को शिव भक्ति में सराबोर हो गया। वर्षों पुराने इस मंदिर की देखरेख राजस्थान सरकार के देवस्थान विभाग द्वारा की जाती है। सावन माह के अवसर पर भगवान सोमनाथ महादेव की भव्य सवारी नगर भ्रमण पर निकली, जिसने शहर को शिवमय बना दिया।
यह यात्रा रघुनाथ जी मंदिर से शाम 5 बजे शुरू हुई और पानी दरवाजा, बादशाह का झंडा, सर्राफा बाजार, घी का झंडा, धानमंडी होते हुए सोमनाथ मंदिर पहुंची। सवारी में दो विशेष झांकियां शामिल रहीं, जिनमें एक झांकी माहेश्वरी समाज द्वारा महाकाल के रूप में सजाई गई। साथ ही माहेश्वरी समाज के युवाओं ने महाकाल की तर्ज पर ढोल-ताशा बैंड तैयार कर उसे पूरे मार्ग में बजाते हुए सवारी का नेतृत्व किया।
शिवभक्तों की टोली और स्थानीय बैंड बना आकर्षण
यात्रा में 200 से अधिक ढोल, डमरू, ताशे और झांझ रहे, जिन्हें विशेष रूप से स्थानीय शिवभक्तों ने ही बजाया। बाहर से किसी भी वादक को नहीं बुलाया गया। पूरा मार्ग शिवभक्ति के रंग में रंगा नजर आया।
251 महिलाओं ने किया जल कलश से अगवानी
सवारी की अगुवाई सर्व समाज की 251 से अधिक महिलाओं ने सिर पर जल कलश लेकर की। Ujjain से विशेष रूप से मंगवाई गई 21 किलो भस्मी से वातावरण भस्मीमय किया गया। यात्रा के समापन पर श्रद्धालुओं द्वारा लाए गए पवित्र जल से सोमनाथ महादेव का सहस्त्रघट अभिषेक किया गया।
सामूहिक ड्रेस कोड और पैदल यात्रा
महिलाएं और पुरुष एक समान ड्रेस कोड में नजर आए। सभी ने पैदल चलकर भगवान का जाप करते हुए नगर भ्रमण में भाग लिया। ट्रैक्टर या अन्य वाहन का उपयोग नहीं किया गया।
समाजों ने किया स्वागत
गोपीनाथजी मंदिर पर अग्रवाल समाज की ओर से सोमनाथ महादेव को बिल्वपत्र की माला चढ़ाई गई, वहीं सोमनाथ मंदिर की ओर से भगवान गोपीनाथजी को तुलसी की माला अर्पित की गई। यह दृश्य सामाजिक समरसता और भक्ति की मिसाल बन गया।
महाआरती और महाप्रसादी के साथ हुआ समापन
सवारी के समापन पर सोमनाथ मंदिर में महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। इसके पश्चात सभी को महाप्रसादी वितरित की गई। मंदिर के पुजारी कमलेश रावल ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य नगरवासियों को शिवभक्ति से जोड़ना और सावन के पुण्य माह में सामूहिक रूप से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करना है।
रिपोर्ट – रविन्द्र सोनी