
Pali: पाली जिले में धार्मिक आस्था का केंद्र माने जाने वाले श्री गांजण माता मंदिर (सरहद भाखरी) में इस वर्ष होने वाले पारंपरिक वार्षिक आयोजन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। श्री गांजण माता पैदल यात्रा संघ, पाली की ओर से जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए बताया गया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आषाढ़ सुदी 9 को मंदिर परिसर में विशेष पूजा, भजन संध्या व प्रसादी कार्यक्रम रखा गया है, जिसकी तैयारियाँ जारी थीं, लेकिन इस आयोजन में कुछ स्थानीय लोगों द्वारा बाधा पहुंचाई जा रही है।
संघ के अनुसार मंदिर से जुड़े पुजारी सुखसिंह राजपुरोहित और हीरसिंह राजपुरोहित ने आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया और कहा कि बिना उनकी स्वीकृति के सेवा-पूजा और प्रसादी का आयोजन नहीं किया जा सकता। साथ ही उन्होंने यह भी शर्त रखी कि आयोजन का सारा खर्च उन्हें सौंपा जाए, वे ही प्रसादी बनवाएंगे। इस रवैये से न सिर्फ आयोजकों बल्कि समाज के सभी श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है। संघ ने आरोप लगाया कि यह मंदिर सर्व समाज का है, लेकिन कुछ लोग इसे अपनी निजी संपत्ति घोषित करवाने का प्रयास कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं के अनुसार इन लोगों ने श्री गांजण माता मंदिर विकास सेवा संस्थान, धर्मधारी नाम से एक संस्था बना रखी है, जिसमें लगभग सभी सदस्य उनके परिवारजन ही हैं। यह संस्था समाज के भावनात्मक व सांस्कृतिक अधिकारों पर अतिक्रमण करने का प्रयास कर रही है। आयोजकों ने बताया कि यह कार्यक्रम पिछले 24 वर्षों से बिना किसी बाधा के लगातार होता आ रहा है, जिसमें सभी समाजों के श्रद्धालु बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
इस संबंध में श्री गांजण माता पैदल यात्रा संघ, पाली की ओर से मोहनलाल परिहार सुपुत्र पुसाराम (अध्यक्ष), सुरेशकुमार सोनी सुपुत्र पुखराज (उपाध्यक्ष), महेन्द्रकुमार मण्डोरा सुपुत्र मूलचंद (सचिव), खेताराम परिहार सुपुत्र पुखराज (कोषाध्यक्ष) सहित अन्य पदाधिकारी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। संघ ने प्रशासन से मांग की है कि आयोजन में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो, और हर वर्ष की तरह इस बार भी श्रद्धालु शांतिपूर्ण ढंग से पूजा-अर्चना व प्रसादी कर सकें।
संघ ने यह भी चेतावनी दी कि यदि ऐसे धार्मिक आयोजन में जानबूझकर रुकावट डाली गई, तो समाज में तनाव उत्पन्न हो सकता है। श्रद्धालुओं की भावनाओं को देखते हुए प्रशासन से निष्पक्ष जांच व त्वरित कार्यवाही की मांग की गई है।
रिपोर्ट – रविन्द्र सोनी