नाटक व गीतों से झलकी संवेदनाएं
Pali। भारतीय जैन संगठन पाली चैप्टर की ओर से शुक्रवार को नवलखा आराधना भवन में पर्यावरण दिवस और पितृ दिवस को समर्पित विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से हुई, जिसके बाद संगठन अध्यक्ष ने पर्यावरण संरक्षण और पिता के योगदान को लेकर विचार साझा किए।
इस अवसर पर दो रचनात्मक प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। पहली प्रतियोगिता में बच्चों ने अनुपयोगी वस्तुओं को उपयोगी बनाकर दैनिक जीवन में उनका रचनात्मक प्रयोग प्रस्तुत किया। इस प्रतियोगिता में कियांश चोपड़ा प्रथम, मित्वी तातेड़ द्वितीय और मानविक लोढ़ा तृतीय स्थान पर रहे।
इसके बाद प्रीति चौरडिया और उनकी टीम ने एक प्रभावशाली नाटक के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और पेड़ बचाने का संदेश दिया, जिसे उपस्थित दर्शकों ने सराहना के साथ देखा।
कार्यक्रम की दूसरी मुख्य प्रस्तुति ‘मैं मेरे पिता की परछाई’ शीर्षक से हुई, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने पिता के जीवन में योगदान और संघर्षों को साझा किया। इसमें भव्य नाहर को प्रथम, अरिष्ट सूंदेचा को द्वितीय और प्रीति चौरडिया को तृतीय स्थान मिला।
इसके पश्चात उपस्थित वरिष्ठजनों का तिलक और दुपट्टा पहनाकर सम्मान किया गया। पितृ पूजन के अंतर्गत भावनात्मक गीतों की प्रस्तुति ने सभी को भावविभोर कर दिया। गीतों की प्रस्तुति उषा अखावत और शांता बलाई ने दी, जिनकी गायन शैली ने वातावरण को गहराई से छुआ।
इस पूरे आयोजन का संचालन राजेंद्र नाहर, अनुजा अखावत और भानु सुंदेचा ने किया। निर्णायक की भूमिका में अशोक जैन और राजू सुराणा रहे। कार्यक्रम के आयोजन में नरेश मेहता का विशेष योगदान रहा, जिन्हें आयोजन स्थल को आकर्षक रूप देने के लिए सम्मानित भी किया गया।
आयोजन के प्रायोजक भंवरलाल, रोशनलाल, अशोक कुमार, राजकुमार, मेड़तिया परिवार (मेड़तिया स्वीट होम) रहे। अंत में सचिव बसंत सोनी मंडिया ने सभी अतिथियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।
रिपोर्ट – रविन्द्र सोनी