
Pali शहर में लगातार हो रही बारिश से उत्पन्न जलभराव की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। जिला कलेक्टर एल.एन. मंत्री ने हालात की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए शहर को अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित कर नौ वरिष्ठ अधिकारियों को निरीक्षण एवं राहत कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी है, जो अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण कर जलभराव की निगरानी और आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेंगे।
प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत राहत के निर्देश
कलेक्टर मंत्री ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी अधिकारी अपने क्षेत्र में जलभराव की वास्तविक स्थिति का आकलन करें और जहां भी आवश्यकता हो, तत्काल प्रभाव से जल निकासी एवं सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करें। साथ ही, जर्जर मकानों की पहचान कर वहां रह रहे लोगों को रैन बसेरा, सामुदायिक भवन या सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जाए।
स्थानीय प्रतिनिधियों और आमजन से संवाद आवश्यक
निरीक्षण के दौरान अधिकारी स्थानीय पार्षदों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों से निरंतर संवाद में रहेंगे ताकि समस्याओं का मौके पर ही समाधान हो सके और किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके।
इन अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
वीर दुर्गादास नगर, बापू नगर, आदर्श नगर – एडीएम डॉ. बजरंग सिंह
पठान कॉलोनी, नया गांव, सांसी बस्ती, रेनबो, कवाड़ विद्यालय, ट्रांसपोर्ट नगर – एडीएम (सीलिंग) अश्विनी के. पंवार
जगदम्बा नगर, शिव कॉलोनी, पुलिस लाइन, अंबेडकर नगर – यूआईटी सचिव डॉ. पूजा सक्सेना
टैगोर नगर, सियांश नगर, केशव नगर – जिला परिषद सीईओ मुकेश चौधरी
रामदेव नगर, दुर्गा नगर, राम रहीम कॉलोनी, विकास नगर, सिंधी कॉलोनी – उपखंड अधिकारी विमलेंद्र राणावत
सर्वोदय नगर, पांच मौखा, स्टेशन भटवाड़ा क्षेत्र – डीआईजी स्टाम्प भागीरथ राम
इनके अतिरिक्त डॉ. पूजा सक्सेना, विमलेंद्र राणावत और नगर निगम आयुक्त नवीन भारद्वाज पूरे शहर में निरीक्षण करते हुए व्यवस्थाओं की निगरानी करेंगे।
समीक्षा बैठक में दिए निर्देश: जल निकासी में लाएं तेजी, जनहानि नहीं होनी चाहिए
जिला कलेक्टर एल. एन. मंत्री ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में समीक्षा बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने संबंधित विभागों को तत्काल जल निकासी, बिजली, चिकित्सा, राहत एवं आपूर्ति व्यवस्था को लेकर निर्देश जारी किए।
उन्होंने बताया कि शहर में अब तक लगभग 7 इंच बारिश हो चुकी है और इससे निपटने के लिए यूआईटी, जल संसाधन विभाग, नगर निगम सहित सभी संबंधित एजेंसियों को संयुक्त रूप से कार्य करने के आदेश दिए गए हैं।
बिजली और स्वास्थ्य विभाग को विशेष सतर्कता के निर्देश
बिजली विभाग को करंट से जुड़ी किसी भी सूचना पर तुरंत कार्रवाई करने और स्वास्थ्य विभाग को सभी चिकित्सकों को मुख्यालय पर मौजूद रखने के आदेश दिए गए हैं।
रैन बसेरे, कंट्रोल रूम और आपात संसाधन तैयार रखें
रैन बसेरों में सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने और कंट्रोल रूम में 24 घंटे जिम्मेदार अधिकारी की मौजूदगी अनिवार्य की गई है। जेसीबी, ट्रैक्टर व अन्य संसाधनों को तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके।
सिविल डिफेंस टीम को जलभराव और तेज बहाव वाले इलाकों में सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, रसद विभाग को जरूरत पड़ने पर फूड पैकेट तैयार रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।
कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि किसी भी स्थिति में जनहानि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में मौजूद रहे सभी विभाग प्रमुख
समीक्षा बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. बजरंग सिंह, एडीएम (सीलिंग) अश्विनी के. पंवार, प्रशिक्षु आईएएस बिरजू गोपाल, सीईओ जिला परिषद मुकेश चौधरी, यूआईटी सचिव डॉ. पूजा सक्सेना, उपखंड अधिकारी विमलेंद्र राणावत, नगर निगम आयुक्त नवीन भारद्वाज, डीएसओ मनजीत सिंह, सीएमएचओ विकास मरवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
प्रशासन द्वारा उठाए गए इन कदमों से यह साफ है कि पाली शहर में जलभराव जैसी आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं और जिम्मेदार अधिकारी पूरी मुस्तैदी से कार्य में जुटे हैं।
रिपोर्ट – रविंद्र सोनी