Foreign Secretary Vikram Misri पर ट्रोल अटैक, नेताओं और पूर्व अफसरों ने किया समर्थन

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Foreign Secretary Vikram Misri पर ट्रोल अटैक, नेताओं और पूर्व अफसरों ने किया समर्थन

भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री (Foreign Secretary Vikram Misri) को सोशल मीडिया पर तीव्र ट्रोलिंग और निजी हमलों का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक आपत्तिजनक बात यह रही कि इस ट्रोलिंग में उनके परिवार, विशेषकर बेटियों को भी निशाना बनाया गया।

सीजफायर की जानकारी साझा करने के कुछ ही देर बाद, सोशल मीडिया पर उन्हें “गद्दार”, “देशद्रोही” जैसे शब्दों से नवाज़ा गया। कई पोस्ट में उनकी बेटियों की नागरिकता तक पर सवाल उठाए गए और व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक की गई, जिसे महिला आयोग ने “गंभीर निजता का उल्लंघन” बताया है।

नेताओं और पूर्व अधिकारियों ने खुलकर किया समर्थन

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस ट्रोलिंग की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “विक्रम मिस्री जैसे ईमानदार और मेहनती अधिकारी पर हमला निंदनीय है। वे केवल सरकार द्वारा लिए गए फैसले को जनता के सामने रख रहे थे। प्रशासनिक अधिकारियों को राजनीतिक निर्णयों के लिए दोषी ठहराना अनुचित है।”

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए लिखा, “विक्रम मिस्री केवल संदेशवाहक हैं, निर्णय सरकार का होता है। ऐसे में उनके और उनके परिवार के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग असामाजिक तत्वों की करतूत है, और सरकार का कर्तव्य है कि वह ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।”

पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव ने इस घटनाक्रम को “शर्मनाक” बताते हुए कहा कि एक समर्पित अधिकारी और उनके परिजनों के साथ ऐसा व्यवहार सभी मर्यादाओं का उल्लंघन है। उन्होंने लिखा, “उनकी बेटी की जानकारी सार्वजनिक करना और उन्हें अपशब्द कहना बेहद घृणित है। हमें अपने राजनयिकों के साथ खड़ा होना चाहिए, उन्हें नीचा नहीं दिखाना चाहिए।”

महिला आयोग की तीखी प्रतिक्रिया

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने विक्रम मिस्री की बेटी की ऑनलाइन ट्रोलिंग और जानकारी सार्वजनिक किए जाने को “गंभीर और गैर-जिम्मेदाराना कृत्य” बताया। उन्होंने कहा कि “किसी महिला की निजी जानकारी सोशल मीडिया पर डालना और उसे मानसिक प्रताड़ना देना पूरी तरह अस्वीकार्य है।”

क्या है सीजफायर समझौता?

शनिवार शाम आयोजित प्रेस वार्ता में विदेश सचिव मिस्री ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया कि तुरंत प्रभाव से जमीन, हवा और समुद्र में सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाई रोकी जाएगी। यह निर्णय सीमा पर बीते चार दिनों से जारी ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद लिया गया, जो दोनों देशों को एक संभावित युद्ध के मुहाने तक ले गया था।

उसी दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अप्रत्याशित रूप से एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि यह वार्ता अमेरिका की मध्यस्थता से संभव हो पाई।

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