राजस्थान के पश्चिमी बाड़मेर जिले (Barmer District) में 23 अगस्त 2024 की रात शोभाला जेतमाल गांव में हुई डेढ़ करोड़ रुपये की सनसनीखेज नकबजनी की वारदात का धोरीमन्ना थाना पुलिस और डीएसटी (डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम) ने खुलासा कर दिया है। भऊड़ी के टोपे से मिले सुराग के आधार पर इस बड़ी सफलता के तहत कुख्यात बेंगू की कंजर गैंग के मुख्य सरगना सनिया उर्फ समीर सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने चोरी का माल खरीदने वाले सुनार बसंत सोनी को भी हिरासत में लिया है। इसके अलावा गैंग के तीन अन्य सदस्यों को नामजद किया गया है।
वारदात का विवरण
पुलिस के अनुसार, 23 अगस्त 2024 की रात शोभाला जेतमाल गांव में कंजर गैंग ने सुनियोजित ढंग से एक घर को निशाना बनाया। चोरों ने 113 तोला सोना, 4.800 किलोग्राम चांदी और 3 लाख रुपये की नकदी चुराई। इस वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी। गैंग का तरीका बेहद शातिराना था। वे खाली ट्रक लेकर आते थे और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार “शुभ शकुन” देखकर चोरी की बड़ी घटनाओं को अंजाम देते थे। वारदात के बाद वे बेंगू की पहाड़ियों और जंगलों में छिप जाते थे, जिससे पुलिस के लिए उनकी तलाश मुश्किल हो जाती थी।
पुलिस की रणनीति और गिरफ्तारी
धोरीमन्ना थाना पुलिस और डीएसटी ने “ऑपरेशन खुलासा” के तहत इस मामले की गहन जांच शुरू की। बेंगू पुलिस के सहयोग से पांच पहाड़ियों और जंगलों में कैंप स्थापित किए गए। कड़ी मेहनत और तकनीकी सहायता के बाद पुलिस ने मुख्य सरगना सनिया उर्फ समीर, अनिल, रमेश चंद्र और सुनार बसंत सोनी को गिरफ्तार कर लिया। सनिया उर्फ समीर के खिलाफ भीलवाड़ा, जयपुर, बूंदी, पाली, सिरोही सहित कई जिलों में 31 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जो उसकी अपराध की दुनिया में गहरी पैठ को दर्शाता है।
गैंग का देशव्यापी नेटवर्क
पूछताछ में पता चला कि बेंगू की कंजर गैंग पूरे भारत में नकबजनी की वारदातों को अंजाम दे रही है। गैंग के सदस्य खाली ट्रक लेकर विभिन्न शहरों में जाते हैं और शकुन-अपशकुन जैसी मान्यताओं के आधार पर बड़ी चोरियों को अंजाम देते हैं। वारदात के बाद वे चोरी का माल सुनारों को बेच देते हैं और बेंगू की पहाड़ियों में छिप जाते हैं। इस गैंग ने बाड़मेर के अलावा कई अन्य जिलों में भी चोरी की घटनाओं को अंजाम देने की बात स्वीकार की है।
पुलिस की बरामदगी
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से चोरी का अधिकांश माल बरामद कर लिया है, जिसमें सोना, चांदी और नकदी शामिल है। इसके साथ ही वारदात में इस्तेमाल किए गए ट्रक और अन्य सामान भी जब्त किए गए हैं। चोरी का माल खरीदने वाले सुनार बसंत सोनी की गिरफ्तारी से पुलिस को गैंग के अवैध नेटवर्क की और जानकारी मिलने की उम्मीद है।
पुलिस की सतर्कता और भविष्य की योजना
बाड़मेर पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर कंजर गैंग के नेटवर्क को तोड़ने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश जारी है और भविष्य में ऐसी वारदातों को रोकने के लिए जिले में सतर्कता बढ़ाई जाएगी। स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वे अपने घरों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
स्थानीय प्रतिक्रिया
शोभाला जेतमाल के निवासियों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है। गांव के एक निवासी ने कहा, “इस वारदात के बाद पूरे गांव में डर का माहौल था। पुलिस ने इतनी जल्दी गैंग को पकड़ लिया, इससे हमें राहत मिली है।” वहीं, कुछ लोगों ने मांग की है कि बेंगू की पहाड़ियों में गैंग के ठिकानों पर और सख्त कार्रवाई की जाए।
निष्कर्ष
बाड़मेर पुलिस की इस कार्रवाई ने कंजर गैंग के देशव्यापी नेटवर्क पर एक बड़ा प्रहार किया है। सनिया उर्फ समीर जैसे कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी से न केवल बाड़मेर बल्कि अन्य जिलों में भी चोरी की वारदातों पर अंकुश लगने की उम्मीद है। पुलिस का यह “ऑपरेशन खुलासा” अपराधियों के लिए एक सख्त संदेश है कि कानून का लंबा हाथ उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेगा।
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल