राजस्थान के राजसमंद (Rajsamand) स्थित एशिया की दूसरे मीठे पानी की कृत्रिम झील राजसमंद में इस वर्ष मानसून मेहरबान हुआ और झील में पानी की जोरदार आवक हुई। उसके बाद समय आने पर नियमानुसार प्रशासन ने बैठक कर खेती के लिए नेहरो में पानी छोड़ा। लेकिन कुछ लापरवाह किसानो की मनमानी के चलते यह कीमती पानी लगातार बर्बाद होने की सूचनाए आ रही है। वही पानी के वेस्टेज को लेकर झील प्रेमीयों ने चिंता व्यक्त की है।
ताजा मामला कांकरोली के मोही रोड का है जहां रात भर से नहरों का पानी फैलते फैलते आसपास के प्लाटों में भर गया। यही नहीं इससे कई जगह कच्ची सड़क तक टूट गई है और गड्ढे बन गए हैं। ऐसे हालात देखकर स्थानीय झील प्रेमी हरीश कुमावत ने सिंचाई विभाग को शिकायत दी और व्यर्थ बहता पानी को रोकने की मांग की।
सूचना के बाद सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता मुरलीधर रेगर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लेने के बाद माइनर नहर को तुरंत बंद करवाया। वही आसपास के खेत मालिकों को भी पाबंद किया और आगे से पानी का अपव्यय रोकने के लिए हिदायत दी।
रिपोर्ट – नरेंद्रसिंह खंगारोत