जैसलमेर (Jaisalmer) में पिछले तीन दिनों से भारी बारिश से 99 बुर्जो वाले विश्व विख्यात सोनार किले के एक बुर्ज की दीवार ढह गई। मंगलवार को दिन में शिव रोड की तरफ की सोनार दुर्ग के बुर्ज की दीवार भरभरा कर गिर गई। दीवार के बड़े बड़े पत्थर परकोटे के ऊपर गिर गए। बारिश के दौरान बुर्ज के पत्थर गिरने के दौरान सड़क पर कोई ट्रेफिक नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा भी हो सकता था।
सोनार दुर्ग के बुर्ज की दीवार गिरने की जानकारी मिलने पर नगरपरिषद आयुक्त लजपालसिंह सोढा और पुलिस की टीम मौके पर पहुंचे। पुलिस ने सड़क के दोनों तरफ बैरिकेड लगाकर उसको बंद कर दिया। आगे कोई हादसा ना हो इसका ध्यान रखते हुए नगर परिषद ने अपनी टीम को अलर्ट कर दिया है।
शहर के वरिष्ठ नागरीक परमानन्द ने बताया कि 23 वर्ष पूर्व भी सोनार दुर्ग की दीवार गिरी थी जिसमें एक इंसान की पत्थरों के नीचे दबकर मृत्यु हो गई थी इस दौरान पुरातत्व विभाग द्वारा कई बार परकोटे की दीवार की रिपेयरिंग भी करवाई है परन्तु रहवासी दुर्ग के स्वरूप को बदल दिए जाने नये निर्माण पहुँच वालों द्वारा बनवा लिए जाने से खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है न्यायालय की रोक के बाद भी कलेक्टर की सख़्ती नही होने से सब चल रहा है।
पूर्व में 2011 में तात्कालीन जिला कलेक्टर गिरिराजसिँह कुशवाहा द्वारा किले के कोटड़ी पाड़ा के 5 घरों से दीवार में पानी जाने की जानकारी मिलने पर पांचो परिवारों को साँवल कॉलोनी में निशुल्क भूखंड दिलवा कर पांचो घर खाली करवा दिए गए थे कुशवाहा का तबादला होने के बाद वो पांचो परिवार वापिस आकर कोटड़ी पाड़ा में रहने लगे है तथा निशुल्क भूखंडो पर भी कब्ज़ा कर लिया है प्रशासन पर इतना ज्यादा दबाव है कि वे कोई कार्यवाही करने की हिम्मत ही नही जुटा पा रहे है
जैसलमेर दुर्ग दुनिया का एक मात्र रहवासी किला है है। पुराने शहर की लगभग एक चौथाई आबादी अभी भी किले के भीतर रहती है। किले में नगरपरिषद के दो वार्ड है जहां से पार्षद चुने जाते है जैसलमेर किला राजस्थान का दूसरा सबसे पुराना किला है, जिसे 1156 ई. में रावल (शासक) जैसल ने बनवाया था, जिनके नाम पर इसका नाम पड़ा।
किले की विशाल पीले बलुआ पत्थर की दीवारें दिन के समय गहरे भूरे शेर के रंग की होती हैं, जो सूरज ढलने के साथ शहद-सुनहरे रंग में बदल जाती हैं, जिससे किला पीले रेगिस्तान में छिप जाता है। इस कारण इसे स्वर्ण दुर्ग, सोनार किला या गोल्डन फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। जैसलमेर किले को राजस्थान के 5 अन्य किलों के साथ, राजस्थान के पहाड़ी किलों के समूह के तहत यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।