Bhilwara। शहर के सूर्य महल मे मंगरोप वाले काबरा परिवार के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के समापन पर भक्तों ने हवन यज्ञ में पूर्णाहुति दी। इसी के साथ भागवत कथा का विश्राम हो गया। आयोजन कर्ता कैलाश चन्द्र काबरा मंगरोप ने बताया की कथा के समापन पर वेद मंत्रोच्चारण के साथ हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। महानगर के साथ ही विभिन्न शहरों से भक्तगण शामिल हुए। यज्ञ मेंआहुति देकर क्षेत्र की खुशहाली और विश्व में सभी के स्वस्थ रहने की कामना की।
हवन के महत्व की जानकारी देते हुए कथावाचक संत अर्जुन राम ने कहा कि यज्ञ का धुआं वातावरण एवं वायु मंडल को शुद्ध करने के साथ लोगों के आत्मबल को बढ़ाता है। श्रीमद् भागवत से जीव में भक्ति ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। भागवत कथा का समापन पर कथाचाचक संत अर्जुन राम द्वारा सुदामा चरित्र के वर्णन किए जाने पर पंडाल में उपस्थित श्रोता भाव-विभोर हो गए।
संत श्री ने कहा की मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है। भागवत कथा के समापन पर शहर के साथ जिले के आसपास के गांवों व अन्य जिलो के लोग पहुंचे।
कथा के अंत में संतश्री को समाजसेवी श्रीगोपाल राठी, पुर्व सांसद सुभाष बहेड़िया, चारभुजा नाथ से गोपाल लाल, कंवरलाल पोरवाल, रामकृष्ण सोनी, फतेहलाल जेथलिया, दिलीप तोषनीवाल, राम नारायण कोठारी, कैलाश नवाल, श्याम नौलखा, राकेश बिरला शाहपुरा, योगेश झंवर, संदीप चंडालिया, राजेन्द्र गंदोडिया, प्रहलाद सोमानी, राधेष्याम चौधरी, कैलाश सोमानी, कृष्ण गोपाल डाड, निर्मल सोमाणी मंगरोप, हर्ष राठी द्वारा संतश्री अर्जुनराम जी को माला अर्पण की गई इसी दौरान संत श्री ने आगुतक अतिथियों एवं मेहमानों को दुपट्टा पहना कर आशीर्वाद प्रदान किया। कथा के समापन पर संतश्री सहित सभी भक्तों ने आरती में भाग लिया। मंच संचालन सुशील मरोटिया ने किया। कथा आयोजन समिति ने कथा में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले सभी महानुभावों का आभार जताया।
रिपोर्ट – पंकज पोरवाल