सांचौर/चितलवाना। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी 2023-24 में फसल खराबे की भले ही किसानों की ओर से ऑनलाइन परिवेदना दर्ज करवाई हो, लेकिन किसानों के खेत में खराबे की जांच किए बगैर ही कंपनी ने कागजों में ही जांच कर दी। यह खुलासा जिला कलक्टर द्वारा मांगी तत्थ्यात्मक रिपोर्ट में कंपनी की ओर से दी रिपोर्ट में हुआ। क्षेत्र के किसानों की ओर से रबी की फसल में खराबा होने पर बीमित किसानों की ओर से फसल खराबा होने पर चितलवाना के 2949 किसानों ने ऑनलाइन फसल खराबे की परिवेदना दर्ज करवाई थी।
लेकिन परिवेदना के निस्तारण के लिए किसानों के खेत तक न कपनी का प्रतिनिधि गया न ही कृषि पर्यवेक्षक। किसानों की परिवेदना का कागजों में ही निस्तारण कर दिया गया। जिसकी किसानों को जानकारी तक नहीं है। यह सब खुलासा पत्रिका की ओर से खबर प्रकाशित होने के बाद में जिला कलक्टर के आदेश पर कंपनी की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में हुआ है।
किसान एक तरफ परिवेदना को लेकर जांच में बीमा कपनी के प्रतिनिधि व कृषि विभाग के अधिकारी नहीं आने की जिला कलक्टर से गुहार कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कंपनी की ओर से जिला कलक्टर द्वारा चाही गई तथ्यात्मक रिपोर्ट में सभी परिवेदना का निस्तारण बताया गया है।
ऐसे होता है परिवेदना का निस्तारण
किसानों की ओर से फसल बीमा करवाने के बाद में फसल खराबा होने पर बीमित किसान की ओर से 72 घंटे की अवधि के दौरान ऑनलाइन परिवेदना दर्ज करवानी होती हैं। परिवेदना दर्ज होने के 15 दिन की अवधि तक कपनी के प्रतिनिधि के साथ कृषि विभाग के अधिकारी या कर्मचारी की ओर से किसानों के खेत में जाकर जांच कर फसल खराबे का आंकलन कर ऑनलाइन भेजना होता हैं। लेकिन यहां किसानों की परिवेदना दर्ज होने के बाद न कपनी के प्रतिनिधि आए और ना ही कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी आए।
परिवेदना दर्ज करवाने में चितलवाना अव्वल
सांचौर व जालोर जिले की सभी तहसीलों में फसल बीमा करवाने व फसल खराबे की परिवेदना दर्ज करवाने में भी चितलवाना सबसे अव्वल हैं। जो सांचौर जिले की 9216 परिवेदनाओ में चितलवाना की 2949 परिवेदना दर्ज हैं।