बाड़मेर। गांव-गांव तक यह संदेश पहुंचाएं कि मानव जीवन अनमोल है। छोटी-मोटी बातों को लेकर आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाएं। इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए महिला सरपंच,साथिन एवं सुरक्षा सखियां सक्रिय भागीदारी निभाएं। जिला कलक्टर निशान्त जैन ने शुक्रवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर भगवान महावीर टाउन हाल में जीवन है अनमोल अभियान-2 के तहत आयोजित आमुखीकरण कार्यशाला के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए यह बात कही।
जिला कलक्टर निशांत जैन (Nishant Jain) ने कहा कि बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत अनमोल जीवन को बचाने की मुहिम चलाई जा रही है। बाड़मेर जिले में निरंतर बढ़ रही आत्महत्याओं की घटनाओं की रोकथाम के लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, महिला अधिकारिता विभाग, एक्शन एड एवं यूनिसेफ का यह प्रयास तभी कारगर साबित होगा। जब इस कार्यशाला में शामिल महिलाएं अपने गांव एवं घर तक यह बात पहुंचाएगी कि आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है।
जिला कलक्टर ने कहा कि विशेषकर महिलाओं को यह समझना होगा कि वे खुद है तो सब कुछ है। उनके बिना कुछ भी नहीं है। सीमावर्ती बाड़मेर जिले में विपरित परिस्थितियों के बावजूद जिस हिम्मत और मजबूती के साथ महिलाएं जीवन यापन करती है, वह अपने आप में एक मिसाल है। ऐसे में उनको हर समस्या का मजबूती के साथ मुकाबला करने एवं किसी भी स्थिति में आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि जीवन है अनमोल अभियान के साथ मिशन सुरक्षा चक्र के द्वितीय चरण को चलाया जाएगा। उन्होंने इस अभियान में मनुहार करते हुए महिला सरपंच, साथिनां एवं सुरक्षा सखियां से सहयोग करने का अनुरोध किया।
पुलिस अधीक्षक नरेन्द्रसिंह मीना ने कहा कि परिवार को आगे बढ़ाने एवं बच्चों को संस्कार देने में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने जीवन है अनमोल अभियान में महिलाओं से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपील करते हुए कहा कि अगर अपने आसपास में कोई व्यक्ति मानसिक रूप से तनाव में दिखे तो उसके साथ समझाइश का प्रयास करें। इसके लिए काउसंलर का सहयोग लिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि महिलाएं नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच करवाएं। छोटे-मोटे विवादों को स्थानीय स्तर पर घर परिवार में समझाइश के जरिए निपटाने का प्रयास करें। महिलाओं के बिना परिवार अधूरा है। महिलाएं अपने बच्चों को इस तरह के संस्कार दें कि वे भविष्य में आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाएं। उन्होंने बच्चों पर विशेष ध्यान देने एवं मोबाइल के सदुपयोग की जरूरत जताते हुए मीडिया से भी आत्महत्या प्रकरण की रिपोर्टिंग में सावधानी बरतने का अनुरोध किया।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ पलनीचामी ने कहा कि आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है। इससे परिवार के साथ सामाजिक स्तर पर बहुत बड़ी क्षति होती है। यह बड़ा दुखद पहलू है। इसको रोकने के लिए सबको मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में शामिल हुए महिलाएं घर घर आत्महत्या के खिलाफ जागरूकता का संदेश पहुंचाएं। यह अभियान तभी सफल होगा, जब स्थानीय स्तर पर जागरूकता संदेश पहुंचेगा।
अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्रसिंह चांदावत ने मारवाड़ी भाषा में जीवन से जुड़े विविध पहलूओं के बारे में बताते हुए कहा कि महिलाएं मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहे। उन्होंने कहा कि कई बार महिलाएं ऐसे बच्चों के साथ आत्महत्या कर लेती है, जिन्होंने अभी तक दुनिया देखी भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जन्म लेते ही समस्याओं का दौर शुरू हो जाता है, लेकिन इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने जीवन में आने वाले समस्याओं एवं चुनौतियों का धैर्य के साथ मुकाबला करें और आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाएं।
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.हरेन्द्र भाखर ने कहा कि महिलाएं अपने बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाएं। महिलाएं अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करते हुए हर परिस्थितियों से लड़ने का निश्चय कर लें तो निसंदेह कोई रास्ता निकल जाएगा। उन्होंने आत्महत्या की रोकथाम से जुड़े विविध पहलूओं पर प्रकाश डाला। इस दौरान जिला कलक्टर निशान्त जैन ने बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ अभियान से संबंधित शपथ दिलाई। कार्यक्रम की शुरूआत में महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक प्रहलादसिंह राजपुरोहित ने अनमोल जीवन अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
प्रहलादसिंह राजपुरोहित ने बताया कि आत्महत्या घिनौना कृत्य है। उन्होंने आत्महत्या के कारणों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अनमोल जीवन अभियान के तहत अगर छोटे प्रयास से किसी का जीवन बच जाता है,तो वह मानवता के लिए मिसाल होगी। कार्यशाला का संचालन करते हुए प्रोफेसर डा. मुकेश पचौरी ने जीवन है, अनमोल अभियान से जुड़े विविध पहलूओं के बारे में अवगत कराया। एक्शन एड की जिला समन्वयक भाग्यश्री ने अनमोल जीवन अभियान के बारे में जानकारी देते हुए सबकी सक्रिय भागीदारी की जरूरत जताई। एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला में बाड़मेर जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों की सरपंच, साथिन एवं सुरक्षा सखी शामिल हुई।
ब्लाक लेवल पर होंगे जागरूकता कार्यक्रम
जीवन है अनमोल अभियान- 2 के तहत आत्महत्याओ की रोकथाम के लिए ब्लाक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमो का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा मिशन सुरक्षा चक्र-2 के माध्यम से एनीमिया के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।