
पाली। महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के साथ हो रही मारपीट और भेदभाव की घटनाओं के विरोध में सोमवार (7 जुलाई, 2025) को अखिल भारतीय सीरवी युवा परिषद के पदाधिकारियों और समाजजनों ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर आनंद मंत्री को ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे समेत अन्य शहरी क्षेत्रों में उत्तर भारत, विशेषकर राजस्थान से गए व्यापारियों और कामगारों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की घटनाओं को लेकर सौंपा गया।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि कुछ भाषाई आधार वाली राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता हिंदी भाषी नागरिकों को केवल इसलिए निशाना बना रहे हैं क्योंकि वे मराठी भाषा नहीं बोलते। जबकि उत्तर भारतीय वहां की संस्कृति, भाषा और कार्यशैली का आदर करते हुए जीवन यापन कर रहे हैं। यह घटनाएं भारतीय संविधान की मूल भावना — ‘एकता में विविधता’ के खिलाफ हैं और देश की सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचाती हैं।
ज्ञापन में राष्ट्रपति से मुख्य मांग की गई है कि इन घटनाओं की निष्पक्ष जांच कराई जाए।, दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।, उत्तर भारतीयों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया जाए।, भाषाई सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाए।, महाराष्ट्र सरकार सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करे कि राज्य में सभी नागरिकों को बराबर का सम्मान और सुरक्षा मिलेगी।
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि महाराष्ट्र में हजारों की संख्या में मारवाड़ी व्यापारी और कामगार बसे हुए हैं, जो अब डरे-सहमे हुए हैं। उनके मन में भय का माहौल खत्म किया जाना जरूरी है ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय सीरवी युवा परिषद के अध्यक्ष सुरेश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश चौधरी, परगना समिति उपाध्यक्ष पुनाराम राठौड़, रमेश करणावा, रामलाल सैणचा गांधीधाम, सुरेश पी चौधरी इसाली, हरिराम सीरवी काला पीपल की ढाणी, घीसुलाल सीरवी गीरादड़ा, अमराराम राठौड़, दिनेश परिहार, मोहनलाल भायल, रतनलाल राठौड़, प्रहलाद लच्छेटा, नारायण मुलेवा, एडवोकेट मोहनलाल सीरवी, हरिश सुरायता, अनिल चौधरी, ताराराम चौधरी, कानाराम सोयल, भेराराम पंवार, जोधाराम चौधरी, धन्नजय चौधरी, जितेंद्र चौधरी, महेंद्र चौधरी, नाथूलाल मुलेवा, मानाराम काग, गोपाल सीरवी और मनोहर सीरवी सहित समाज के अनेक लोग शामिल थे।
समाजजनों ने साफ कहा कि “अब मारवाड़ियों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं होगा। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
रिपोर्ट – रविन्द्र सोनी