
Jaisalmer। मानसून सत्र को देखते हुए बाढ़ और जलभराव से उत्पन्न होने वाली किसी भी आपदा से निपटने के लिए SDRF के जवान तैयार है। ADGP डॉ. हवासिंह घुमरिया एवं कमाडेंट राजेंद्र सिंह सिसोदिया के निर्देशन में SDRF की 57 विशेष रेस्क्यू टीमों को आपदा राहत उपकरणों से लैस कर राज्य के 32 संभावित बाढ़ प्रभावित जिलों में तैनात किया है। यह कदम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
जैसलमेर के बुझ झील (रण ऑफ डेढ़ाणा) में SDRF का सेना के साथ मानसून सत्र में बाढ़ बचाव की बहुत बड़ी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। SDRF प्लाटून कमांडर अदिति बेनीवाल के नेतृत्व में जैसलमेर की बुझ झील में मानसून सत्र को मध्यनजर रखते हुए SDRF और सेना ने सयुक्त अभ्यास किया। इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि मानसून के दौरान अत्यधिक वर्षा से जलभराव, नदियों और जलाशयों में पानी का स्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में SDRF की टीमें लोगों को बचाने और फंसे हुए नागरिकों तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ का आदर्श वाक्य “आपदा सेवार्थ कटिबद्धता” है, जिसे उनकी टीमें पूरी तरह से चरितार्थ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल