नई दिल्ली। गोल्ड के बदले लोन… भारत में आम आदमी इस विकल्प को तब अपनाता है, जब वह सच में किसी परेशानी का सामना कर रहा होता है। लेकिन अगर इसमें भी उसके साथ फर्जीवाड़ा होने लगे, तो ये उसके साथ ज्यादती होती है। मार्केट में कई फिनटेक कंपनियों के आने के बाद लोगों को गोल्ड लोन मिलना आसान हुआ है लेकिन इसे लेकर भी भारतीय रिजर्व बैंक के सामने कुछ चिंताएं सामने आई हैं और इन्हीं को लेकर अब उसने बड़ा ऐलान किया है।
आरबीआई ने फिनटेक या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से बांटे जा रहे गोल्ड लोन को लेकर आगाह किया है और सतर्क रहने को कहा है। आखिर मौजूदा व्यवस्था से आप पर क्या फर्क पड़ रहा है? आरबीआई का कहना है कि फिनटेक स्टार्टअप या ऑनलाइन कंपनियां जिस तरह से गोल्ड लोन बांट रहीं हैं। उसमें गोल्ड का वैल्यूएशन ठीक से नहीं हो रहा है। इसमें भी फील्ड एजेंट घरों पर जाकर जो गोल्ड कलेक्शन करते हैं, वहां पर ग्राहक के गोल्ड की वैल्यूएशन सही से नहीं होती।
आम आदमी पर ऐसे पड़ रहा फर्क
गोल्ड की वैल्यूएशन सही नहीं होने से आपको अपने गोल्ड के बदले कम अमाउंट का लोन मिलता है। ऐसे में आपको ये लोन बाकी अन्य लोन से महंगा पड़ता है, क्योंकि असल में आपको वैल्यू के बराबर पैसा नहीं मिलता जो कहीं ना कहीं आपकी पूंजी का नुकसान होता है। जबकि ब्याज आपको देना ही पड़ता है। आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक ग्राहकों को उनकी गोल्ड की टोटल वैल्यू के 75 प्रतिशत के बराबर तक का लोन मिल जाता है।
IIFL पर लग चुकी रोक
मार्च के महीने में आरबीआई ने आईआईएफएल फाइनेंस की वित्तीय स्थिति का जायजा लिया था। तब कंपनी के 31 मार्च 2023 तक के फाइनेंशियल स्टेटस के हिसाब से उसके गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में निगरानी के लेवल पर कुछ चिंताएं देखी गईं। आरबीआई को फाइनेंस कंपनी के गोल्ड लोन बिजनेस में लोन की मंजूरी, उसमें लगने वाले समय और डिफॉल्ट होने पर गोल्ड की नीलामी के समय सोने की शुद्धता और वजन की जांच और उसके वेरिफिकेशन इत्यादि से जुड़ी गड़बड़ियां दिखी थीं।
इसके बाद केंद्रीय बैंक ने कंपनी की इस प्रोसेस पर रोक लगा दी थी। आरबीआई का कहना था कि रेग्युलेटरी उल्लंघन के अलावा इन गतिविधियों से ग्राहकों के हितों पर असर पड़ता है। इसलिए भी आईआईएफएल फाइनेंस पर ये रोक लगाई गई।