रानीवाड़ा (Raniwada) भारतीय किसान संघ, राजस्थान प्रदेश (जोधपुर प्रांत) ने क्षेत्र के किसानों की अनेक गंभीर समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के नाम विस्तृत ज्ञापन तैयार कर उपखण्ड अधिकारी रानीवाड़ा के माध्यम से राज्य सरकार को भेजा। किसानों ने समर्थन मूल्य पर मूंगफली खरीद में अनियमितताओं, बिजली सप्लाई, फसल बीमा, ट्रांसफार्मर बदलने में देरी सहित कई मुद्दों पर तत्काल सुधार की मांग की है।मूंगफली खरीद में गुणवत्ता के नाम पर किसानों को लौटाया जा रहा मालज्ञापन में कहा गया कि सरकारी समर्थन मूल्य पर मूंगफली खरीद केंद्रों पर किसानों को “क्वालिटी” के नाम पर बिना तुलाई किए ही वापस भेजा जा रहा है।मूंगफली की कटी फसल पर बारिश के चलते छिलका थोड़ा काला होना स्वाभाविक है, जबकि अंदर का दाना पूरी तरह ठीक रहता है। ऐसे नमूनों को ‘फेल’ कर देना किसान हित में नहीं है। संघ ने मांग की कि हर किसान की उपज की उचित तुलाई की जाए और मनमाने ढंग से रिटर्न न किया जाए। वही फसल तुलाई में देरी नहीं, उसी दिन हो खरीद प्रक्रिया किसानों ने कहा कि समर्थन मूल्य पर लाए गए माल की तुलाई कई दिनों तक टाल दी जाती है, जिससे किसानों को परेशानी होती है। संघ ने मांग की कि उसी दिन तुलाई की व्यवस्था की जाए, ताकि किसान अपनी फसल को लेकर बार-बार चक्कर न लगाएं।मुख्यमंत्री के दिन में बिजली देने के वादे पर सवालज्ञापन में कहा गया कि किसानों को दिन में 8 घंटे बिजली देने का वादा अब तक पूरा नहीं हुआ। रानीवाड़ा AEN क्षेत्र में 33/11 केवी GSS तीन पारियों में चल रहे हैं, ऐसे में दिन में बिजली देना संभव नहीं। संघ ने सभी GSS की क्षमता बढ़ाने की मांग की ताकि दो पारियों में सुचारू बिजली आपूर्ति हो सके।खेत तलाई/डिग्गी की दूसरी किस्त जारी नहींकिसानों ने बताया कि खेत तलाई/डिग्गी निर्माण के भुगतान की दूसरी किस्त अब तक जारी नहीं की गई है। इससे किसानों पर वित्तीय संकट गहरा रहा है। उन्होंने मांग की कि दूसरी किस्त तुरंत जारी की जाए।ज्ञापन में उल्लेख है कि क्षेत्र में जले हुए ट्रांसफॉर्मर बदलने में 5 से 10 दिन तक लग जाते हैं, जिससे सिंचाई रुक जाती है और फसलें खराब होने लगती हैं।संघ ने मांग की कि हर जला ट्रांसफॉर्मर 72 घंटे के भीतर बदला जाए, ताकि किसान नुकसान से बच सकें।KCC धारकों के खातों से बीमा राशि काटी, लेकिन पॉलिसी जारी नहींकिसानों ने सबसे गंभीर मुद्दे के रूप में फसल बीमा पॉलिसियों को लेकर बैंक व बीमा कंपनियों की लापरवाही बताई। ज्ञापन के अनुसार KCC लोन वाले किसानों के खातों से बीमा प्रीमियम काट लिया गया। लेकिन किसानों को बीमा पॉलिसी जारी ही नहीं की गई। खरीफ 2025 में बारिश से फसलें खराब होने पर किसान शिकायत दर्ज नहीं करा पाए क्योंकि पॉलिसी उपलब्ध ही नहीं थी।संघ ने मांग की कि बैंक द्वारा राशि काटने के बावजूद पॉलिसी न देने का जिम्मा बैंक का है, इसलिए किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा बैंक से दिलवाया जाए।किसानों ने समाधान की मांग, अन्यथा आंदोलन की चेतावनीभारतीय किसान संघ ने कहा कि यदि इन शिकायतों का समाधान शीघ्र नहीं हुआ तो संगठन व्यापक स्तर पर आंदोलन करेगा। संघ ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए त्वरित और प्रभावी कार्रवाई आवश्यक है। यह ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी रानीवाड़ा को सौंपकर किसानों ने आशा जताई कि सरकार इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार कर शीघ्र समाधान करेगी।
रिपोर्ट – मुकेश लाखारा
