Rajsamand : हिन्दुस्तान जिंक की सीएसआर परियोजनाओं से वर्ष 2025 में 23 लाख से अधिक लोग लाभान्वित

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राजसमंद (Rajsamand) विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा सीएसआर की पहलों के माध्यम से प्रदेश में समुदाय विकास को निरंतर बढ़ावा दे रहा है। वर्ष 2025 में अलग अलग सामुदायिक पहल के माध्यम से 23 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए। कंपनी ने इस दौरान 2362 गावों में 273.45 करोड़ का कुल निवेश कर लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया, जिससे राजस्थान और उससे आगे दीर्घकालिक, स्थायी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया।हिन्दुस्तान जिं़क की रणनीति आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और पानी, सामुदायिक संपत्ति निर्माण, महिला सशक्तिकरण और खेल को मजबूत करके आत्मनिर्भरता बनाने पर केंद्रित है। वर्ष के दौरान,एकीकृत कार्यक्रमों के माध्यम से 6.54 करोड़ महिलाओं और बच्चों को लाभ हुआ।इस दृष्टिकोण के केंद्र में समाधान, हिन्दुस्तान जिंक की प्रमुख कृषि-आजीविका पहल है, जिसने किसानों को निर्वाह कृषि से स्थायी कृषि-उद्यमिता की ओर बढ़ने में सक्षम बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्थापना के बाद से, इस कार्यक्रम के तहत 1.4 लाख से अधिक किसानों को लाभ हुआ है, जिसमें विविध खेती के माध्यम से ₹192 करोड़ से अधिक की आय हुई है।आजीविका सृजन के पूरक के रूप में, हिन्दुस्तान जिंक के जिंक कौशल कार्यक्रम ने कौशल प्रशिक्षण को उद्योग की मांग के साथ जोड़कर ग्रामीण युवाओं के बीच रोजगार क्षमता को मजबूत किया। स्थापना के बाद से, राजस्थान में 9,500 से अधिक युवाओं को उद्योग-प्रासंगिक प्रशिक्षण दिया गया है, जिसे ₹23 करोड़ के निवेश द्वारा समर्थित किया गया है और 49 प्रतिशत महिला भागीदारी हासिल की गई है।अन्य पहलों के साथ, हिन्दुस्तान जिंक जिंक फुटबॉल अकादमी के माध्यम से खेलों का बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एक लॉन्ग-टर्म, आवासीय और शिक्षा-एकीकृत मॉडल पर बनी, एआईएफएफ से 3 स्टार मान्यता प्राप्त अकादमी ने ग्रामीण और वंचित समुदायों के प्रतिभाशाली युवाओं को संरचित पेशेवर कोचिंग, शैक्षणिक सहायता और खेल कौशल प्रदान किया। इस पहल ने देश की पहली पूरी तरह से समर्पित बालिकाओं की अकादमी के पहले बैच का भी मील का पत्थर स्थापित किया।महिला सशक्तिकरण हिन्दुस्तान जिंक के सामुदायिक विकास की एक आधारशिला बना है, सखी पहल, जिसने 2,167 सेल्फ-हेल्प ग्रुप, फेडरेशन, गांव के संगठनों और एमएसएमई के जरिए 25,000 से अधिक महिलाओं को सशक्त बनाया।शिक्षा के क्षेत्र में, कंपनी ने शिक्षा संबल और ऊंची उड़ान के जरिए सीखने के नतीजों को बेहतर बनाने पर ध्यान देना जारी रखा। शिक्षा संबल कार्यक्रम में साल भर में 140 राजकीय विद्यालयों के 35,000 से अधिक छात्र छात्राएं लाभान्वित हुए है।ऊंची उड़ान कार्यक्रम ने 300 विद्यार्थियों को आईआईटी और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों सहित प्रमुख संस्थानों में एडमिशन दिलाने में मदद की, जबकि 27 छात्रों को टॉप-टियर संगठनों में ₹10 लाख के औसत सालाना वेतन पर नौकरी मिली। जीवन तरंग के तहत समावेशी शिक्षा के प्रयासों ने 2,600 से अधिक दिव्यांग बच्चों को सहायता दी।हेल्थकेयर और पेयजल उपलब्ध कराने के हस्तक्षेप ने 4.5 लाख समुदाय के सदस्यों तक पहुंच बनायी है। राजस्थान के चार एवं उत्तराखंड के पंतनगर सहित पांच जिलों में पांच मोबाइल हेल्थ वैन की शुरूआत कर 36 गांवों में 60 से अधिक, आरओ एटीएम एवं 13 आरओ हब के माध्यम से पहुंच का विस्तार किया गया।हिन्दुस्तान जिं़क ने सामुदायिक बुनियादी ढांचे में निवेश किया, जिससे 132 गांवों में 4.74 लाख लोगों लाभान्वित हुए। इसके तहत् 34.36 किमी ग्रामीण सड़कों, 19 किमी पानी की पाइपलाइनों का विकास और 68 गांवों में 1,731 स्ट्रीटलाइट्स की स्थापना शामिल है।हिन्दुस्तान जिं़क का इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट अप्रोच का उदाहरण है इंद्रा देवी, जिन्होंने बाल विवाह होने बाद स्वयं को कंपनी के विभिन्न कार्यक्रमों से जुड कर न केवल स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया बल्कि अपने बच्चों की शिक्षा और परिवार के लिए भी प्रमुख स्तंभ बनी। सखी परियोजना से जुड़कर आर्थिक आत्मनिर्भरता, समाधान से जुड़कर खेती में उत्पादन और पशुधन आय को बढ़ाया। उनके परिवार को स्वास्थ्य सेवा से हेल्थकेयर सेवाओं का भी लाभ मिला और शिक्षा संबल के तहत शिक्षा सहायता मिली, जहाँ उनके बच्चे ने बीएड की डिग्री पूरी की। उन्हें शुद्ध पेयजल और नंद घर से अपने परिवार के लिए बच्चों की देखभाल में मदद मिली, जिससे न सिर्फ उनकी, बल्कि उनके परिवार के जीवन में भी सुधार आया।जैसे-जैसे हिन्दुस्तान जिंक जिम्मेदार विकास की अपनी यात्रा में आगे बढ़ रहा है, उसकी रणनीति समुदायों को मजबूत करने पर टिकी हुई है। समाधान, जिंक कौशल, सखी, शिक्षा संबल, ऊंची उड़ान, जीवन तरंग, जिंक फुटबॉल अकादमी जैसी प्रमुख पहलों के साथ-साथ हेल्थकेयर, पानी की सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर में केंद्रित परियोजनाओं के माध्यम से, कंपनी आत्मनिर्भर समुदाय का निर्माण कर रही है। सामाजिक निवेश को स्थानीय जरूरतों और लंबी अवधि की पार्टनरशिप के साथ जोड़कर, हिन्दुस्तान जिं़क न केवल मौजूदा चुनौतियों का समाधान कर रहा है, बल्कि अवसरों के स्थायी रास्ते भी बना रहा है जो देश के विकसित भारत के विजन में सार्थक योगदान देते हैं।

रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत

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